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Ghaziabad News: कुत्तों का बढ़ता आतंक, सोसायटी में डॉग अटैक की सीसीटीवी फुटेज आई सामने
Ghaziabad News: आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जोकि एंटी रेबीज क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर बच्चों को निशाना बना रहे हैं।
Ghaziyabad News: गाजियाबाद में कुत्तों का आतंक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। बच्चे हो या फिर बुजुर्ग कुत्तों के हमले से कोई भी शख्स नहीं बच पा रहा है। ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन से सामने आया है। जहां पार्क में खेल रहे एक ढाई साल के बच्चे पर कुत्तों के एक झुंड ने हमला कर दिया। गनीमत रही की पास में ही एक व्यक्ति ने कुत्तों को वहां से भगा दिया। जिससे उस मासूम किन जान को ज्यादा नुकसान नहीं पंहुचा परन्तु गंभीर चोटे आयी है।
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
बच्चे पर कुत्ते के अटेक की यह घटना सीसीटीवी के माध्यम से सामने आई है। सीसीटीवी में कुत्तों का एक झुंड ढाई साल के बच्चे पर हमला करते हुए नजर आ रहा है। इस हमले में बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया है। बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे एआरवी की डोज लगाई गई है। जब इस बारे में बच्चों के परिजनों से बात की गई तो उन्होंने बताया की आए दिन सोसाइटी में किसी न किसी को कुत्ते अपना शिकार बनाते रहते हैं, लेकिन जब इसकी शिकायत की जाती है। तो तुरंत डॉग लवर उनके बचाव में सामने आ जाते हैं। इस दिशा में जल्दी कोई कदम उठाना चाहिए। यह कोई एक दिन की बात नहीं है। गाजियाबाद के विजयनगर इलाके में कुत्ते के काटने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद भी न तो नगर निगम इस और कोई ध्यान दे रहा है, जिसकी वजह से आए दिन ऐसी घटना सामने आ रही हैऔर न ही प्रशासन। जरूरत है कुत्तों को शेल्टर होम भेजने की ताकि इस तरह की घटनाओं में कमी आ सके। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह के अनुसार शहर में लगभग 50 हजार कुत्ते है। समय-समय पर आवारा कुत्तों की नसबंदी भी कराई जाती है लेकिन यह नाकाफी है।
क्या कहती है एंटी रेबीज क्लीनिक की रिपोर्ट
आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जोकि एंटी रेबीज क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर बच्चों को निशाना बना रहे हैं।स्कूल जाने-आने, पार्क में खेलने, दुकान से सामान लाने और घर में खेलने के समय, पाँच साल तक के बच्चों को कुत्ते काट रहे हैं। पिछले दो महीने में एक हजार से अधिक बच्चों को कुत्तों ने काटा है। सात बच्चों को काटने के बाद संबंधित कुत्ते की मौत होने पर स्वजन तनाव में आ गए हैं। इन बच्चों को नियमित एआरवी लगवाने के साथ ही निगरानी की जा रही है।