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Ghaziabad News: नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद तक मेट्रो, अब जमीनों के बढ़ जाएंगे दाम!
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Ghaziabad News: नोएडा से साहिबाबाद तक मेट्रो ट्रेन फेस-3 को जोड़ने की कवायद तेज कर दी गई है। मगर यहां तक मेट्रो ट्रेन को लाने में प्राइवेट जमीन के बीच में आने से इसकी लागत में बढ़ोतरी हो रही है। मेट्रो ट्रेन के लिए 26691.30 वर्गमीटर जमीन की जरूरत है। इसमें 7690.10 वर्गमीटर निजी जमीन और 19001.20 वर्गमीटर सरकारी जमीन आ रही है। इंदिरापुरम व वसुंधरा में जमीन के सर्किल रेट ज्यादा होने के चलते यहां 7690.10 वर्गमीटर निजी जमीन खरीदना जीडीए के लिए चुनौती भरा होगा।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे जीडीए के लिए मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक की निजी जमीन खरीदना बेहद मुश्किल होगा। जीडीए ने संशोधित डीपीआर स्वीकृति के लिए शासन को भेज दी है, लेकिन इस प्रोजेक्ट में निजी जमीन बाधा बन सकती है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने जीडीए को सौंपी डीपीआर में 1,873.13 करोड़ रुपए, मेट्रो ट्रेन फेज-3 प्रोजेक्ट की लागत शामिल की है। मेट्रो ट्रेन फेज-3 प्रोजेक्ट के लिए 1873 करोड़ रुपए में 40-40 फीसदी का अंशदान जीडीए और आवास एवं विकास परिषद के लिए मुश्किल है। ऐसे में प्राइवेट जमीन खरीदना ओर भी मुश्किल हो जाएगा। 5.017 किलोमीटर लंबे इस रूट पर पांच स्टेशन वैभव खंड, डीपीएस इंदिरापुरम, शक्तिखंड, वसुंधरा सेक्टर-7 और साहिबाबाद मेट्रो स्टेशन होंगे। हर स्टेशन पर जीडीए को निजी जमीन की जरूरत पड़ेगी।
1200 वर्गमीटर जमीन की होगी जरूरत
जीडीए के प्रभारी चीफ इंजीनियर मानवेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि डीएमआरसी के अधिकारियों से जमीन को लेकर वार्ता की जाएगी। इंदिरापुरम के शक्तिखंड स्टेशन पर सबसे अधिक 1200 वर्गमीटर जमीन की जरूरत होगी। यह पूरा मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में हैं। उन्हीं के निर्देशानुसार अगली कार्रवाई की जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि प्राइवेट जमीन की जरूरत कम से कम पड़े। इसके लिए ट्रेन के स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार का डिजाइन बदलना पड़े तो इसे बदला जाएगा।