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Ghaziabad: मीट फैक्ट्री में अमानवीय तरीके काम कर रहे 57 बच्चों को पुलिस ने छुड़ाया, मालिकों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज

Ghaziabad News: जल्द ही फक्ट्री मालिकों को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने पांच फैक्ट्री मालिकों व डायरेक्टरों की सूची भी तैयार कर ली है। यह एफआईआर जिला बाल संरक्षण अधिकारी जितेंद्र कुमार की तहरीर पर दर्ज की गई है।

Neeraj Pal
Report Neeraj Pal
Published on: 31 May 2024 8:39 AM IST
Ghaziabad News
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Ghaziabad News (सोशल मीडिया) 

Ghaziabad News: गाजियाबाद जिला के मसूरी थाना क्षेत्र के डासना भूड़गढ़ी स्थित एक बूचड़खाने में बच्चों से जबरन अमानवीय तरीके से काम कराए जाने के मामले में पुलिस-प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। मामले में फैक्ट्री के मालिकों पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में बालश्रम प्रतिषेध अधिनियम के साथ ही बंधुआ मजदूरी एक्ट भी लगाया गया है।

इन धारों में केस दर्ज

इस मामले पर पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले में जल्द ही फक्ट्री मालिकों को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने पांच फैक्ट्री मालिकों व डायरेक्टरों की सूची भी तैयार कर ली है। यह एफआईआर जिला बाल संरक्षण अधिकारी जितेंद्र कुमार की तहरीर पर दर्ज की गई है। एफआईआर इंटरनेशनल एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड के मालिक व संचालकों के खिलाफ दर्ज की गई है।

पुलिस का कहना है कि चिह्नित किए गए आरोपियों में फैक्ट्री का मालिक हापुड़ के बुलंदशहर रोड का रहने वाला मोहम्मद यासीन कुरैशी, उसकी पत्नी तस्लीम, उपरोक्त पते के ही मोहम्मद जावेद कुरैशी, परवेज कुरैशी व मोहम्मद गुलवेज हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। इन सभी आरोपियों के खिलाफ बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986 की धारा 3 एवं 14 और बंधित श्रम पद्धिती उत्पादन अधिनियम 1976 की धारा 16 यानी बंधुआ मजदूरी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।

मिली थी बच्चों के जबरन काम करने की शिकायत

बता दें कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को शिकायत मिली थी कि डासना भूड़गढ़ी स्थित मीट प्रोसेसिंग फैक्ट्री इंटरनेशनल एग्रो फूड्स में बंगाल, बिहार व उत्तर प्रदेश के करीब 40 बच्चों से अमानवीय तरीके से जबरन काम कराया जा रहा है। इसके बाद आयोग ने पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र से संपर्क किया। अजय कुमार मिश्र ने प्रकरण की संवेदनशीलता व गंभीरता को देखते हुए तत्काल ही एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम का गठन कराया। इस टीम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग दिल्ली, मुक्ति फाउंडेशन, श्रम विभाग, एसडीएम, एसीपी मसूरी, एएचटीयू थाना प्रभारी व चाइल्ड लाइन की टीम को शामिल किया गया। टीम ने बुधवार दोपहर संयुक्त रूप से बूचड़खाने पर छापामारी की। इस दौरान टीम ने देखा की बड़ी संख्या में बच्चों से वहां अमानवीय तरीके से काम करवाया जा रहा है।

31 लड़किया और 24 लड़के थे शामिल

बच्चे पशुओं के खून से लथपथ थे और वह हड्डियों के बीच कसाई का काम कर रहे थे, यहां बच्चों से मीट कटान के साथ पैकिंग का काम कराया जा रहा था। इनमें 31 लड़कियां व 24 लड़के शामिल थे। टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए बच्चों को मुक्त कराया। जांच में पता चला कि यह फैक्ट्री पशुओं को काटकर उनके मांस का दूसरे देशों में निर्यात करती है। मुक्त कराए गए सभी बच्चे बिहार, पश्चिमी बंगाल व उत्तर प्रदेश के हैं। पुलिस का कहना है कि मुक्त कराए गए सभी बच्चों का नियमानुसार चिकित्सीय परीक्षण कराया गया है और बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया।

आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द

पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि मुक्त कराए गए सभी बच्चों के बयान दर्ज किए गए हैं। बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी की तहरीर पर मामले में रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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