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Ghaziabad News: नियमों की अनदेखी कर गाजियाबाद में धड़ल्ले से चल रहे स्विमिंग पूल

Ghaziabad News: जिले की रेजिडेंशल सोसायटी, क्लब, स्कूल और प्राइवेट में स्विमिंग पूल का संचालन हो रहा है। इनमें से अधिकतर बिना एनओसी के अवैध रूप से चल रहे हैं। कई स्वीमिंग पूल में तो लाइफ गार्ड और सुरक्षा के मानक भी नहीं हैं।

Neeraj Pal
Report Neeraj Pal
Published on: 7 Jun 2024 7:27 AM GMT
Ghaziabad News
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स्विमिंग पूल (Pic: Social Media)

Ghaziabad News: भीषण गर्मी में जिले में स्विमिंग पूल की डिमांड बढ़ गई है। लोग गर्मी से राहत पाने के लिए शहर में बने स्विमिंग पूल का रुख कर रहे हैं, लेकिन यहां चल रहे अधिकतर पूल बिना एनओसी के संचालित हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि संबंधित विभाग की तरफ से ऐसे स्वीमिंग पूल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बस अफसर समय-समय पर दावा करते हैं कि बिना एनओसी के चलने वाले स्विमिंग पूल सील किए किए जाएंगे, लेकिन अभी तक गाजियाबाद में एक भी पूल सील नही किया गया है। जिले में करीब 50 फीसदी स्विमिंग पूल बिना एनओसी के चल रहे हैं।

जिले की रेजिडेंशल सोसायटी, क्लब, स्कूल और प्राइवेट में स्विमिंग पूल का संचालन हो रहा है। इनमें से अधिकतर बिना एनओसी के अवैध रूप से चल रहे हैं। कई स्वीमिंग पूल में तो लाइफ गार्ड और सुरक्षा के मानक भी नहीं हैं। ऐसे पूलों में कई बार हादसे में बच्चों की जान जा चुकी है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। लापरवाही का आलम ये है कि संबंधित विभाग नोटिस तक जारी नहीं करता है। इस ढुलमुल रवैये की वजह से मनमाने तरीके से स्वीमिंग पूल चल रहे हैं। तरह-तरह के ऑफर देकर यहां लोगों को बुलाया जाता है। स्कूल संचालक हो या फिर कॉमर्शियल स्वीमिंग पूल हो सभी को जिला क्रीड़ा विभाग में रजिस्ट्रेशन कराकर लाइसेंस लेना होता है। बाकी पुलिस, दमकल और अन्य विभाग से एनओसी लेनी होती है, लेकिन ऐसा इसलिए नहीं किया जाता है कि क्योंकि किसी के यहां मानक पूरे नहीं किए जाते हैं। जब मानक पूरा नहीं होता तो उसका संचालक एनओसी के झंझट से दूर रहता है।

स्विमिंग पूल में नहाते समय इन बातों का रखें ध्यान

यदि आप अपने बच्चे को स्वीमिंग पूल में तैराकी के लिए भेज रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। बच्चों को स्विमिंग के लिए भेजने से पहले ये भी सुनिश्चित कर लें कि स्विमिंग पूल साफ है या नहीं। पूल गंदा होने से उन्हे स्किन की प्रॉब्लम हो सकती है। जब वच्चे को स्विमिंग के लिए भेज रहे हो, तो कोशिश करें कि आप भी उसके साथ जाएं। दरअसल, बच्चे को हमेशा बड़ो की निगरानी में ही तैराकी करनी चाहिए। पूल के आसपास की टाइलें या क्षेत्र वेहद फिसलन भरा हो सकता है इसलिए सुनिश्चित करें कि न तो आप और न ही आपके वच्चे स्विमिंग पूल के आसपास दौड़ें। पानी के अंदर और बाहर निकलते समय रेलिंग का प्रयोग करें। गोता लगाते समय यह ध्यान रखें कि पानी बहुत उथला तो नहीं है। जव आसपास कोई लाइफगार्ड हो तो तैरना सुनिश्चित करें।

खेल निदेशालय से संचालन से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक। दो आक्सीजन सिलेंडर और दो कृत्रिम सांस यंत्र होना जरूरी। फिल्टर प्लांट का होना जरूरी। प्रतिदिन चार घंटे चलाया जाए। राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय खिलाड़ी तैराकी कोच के रूप में नियुक्त हो। पूल के लिए लाइफ गार्ड होना आवश्यक है। पानी को समय-समय पर साफ रखने के लिए निर्धारित मात्रा में क्लोरीन का इस्तेमाल आवश्यक करें।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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