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Ghaziabad: खनन माफिया विपुल त्यागी पर कसा पुलिस का शिकंजा, 400 फ्लैट वाला अपार्टमेंट सीज

Ghaziabad News: गाजियाबाद के सिहानी नूर नगर के रहने वाले भाजपा नेता रविंद्र कांत त्यागी व उनके पुत्र विपुल त्यागी का गैंग खनन के अवैध धंधे को अंजाम देते रहे। लेकिन, योगी सरकार ने ऐसी नकेल कसी कि अब सलाखों के पीछे हैं।

Neeraj Pal
Report Neeraj Pal
Published on: 25 Jan 2024 9:32 PM IST
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खनन माफिया विपुल त्यागी बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ (Social Media) 

Ghaziabad News: बांदा में अवैध असलहों के दम पर अवैध खनन करने वाले माफिया विपुल त्यागी (Mafia Vipul Tyagi) पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। बांदा पुलिस की मांग पर जिला प्रशासन ने राजनगर स्थित 400 से अधिक फ्लैट वाले अपार्टमेंट को सीज कर दिया। मालूम हो कि, इंफ्रा होम्स प्राइवेट लिमिटेड (Infra Homes Private Limited) द्वारा बनाए गए हाउसिंग प्रोजेक्ट की जांच के लिए बांदा पुलिस ने जिला प्रशासन से जांच होने तक रोक की मांग की थी, जिसे स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन ने अपार्टमेंट पर नोटिस चस्पा कर दिया।

गाजियाबाद में ब्लू मून सोसाइटी में बनाए गए फ्लैटों में विपुल त्यागी और उनके परिवार वाले शेयर धारक है। विपुल त्यागी के खिलाफ बांदा जिला के थाना पैलानी में गैंगस्टर सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज है। बांदा पुलिस के मुताबिक विपुल त्यागी अपने गुर्गों से असलहों के दम पर अवैध खनन के काले कारोबार को अंजाम दे रहा था ।

400 से अधिक फ्लैटों वाले हाउसिंग प्रोजेक्ट सीज

विपुल त्यागी के खिलाफ कई अन्य स्थानों पर भी गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। बांदा पुलिस ने हाल ही में उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस अवैध खनन से अर्जित संपत्ति की जांच कर रही है। सत्यापन होने तक फ्लैटों की खरीद बिक्री पर रोक के लिए 400 से अधिक फ्लैटों वाले हाउसिंग प्रोजेक्ट को सीज किया गया है। सत्यापन के बाद संपत्ति कुर्क की जाएगी। इसके साथ ही खनन माफिया विपुल त्यागी के वाहनों की भी जांच की जा रही है। सत्ता और काले कारोबार का ऐसा कॉकटेल जिसने पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल तक के कानून को हिलाकर रख दिया। कई सालों से फैला खनन का काला कारोबार बदस्तूर जारी रहा। विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज हुए लेकिन सत्ता संरक्षण में पल रहे धंधेबाज माफिया का बाल बांका न हुआ।

अवैध खनन का धंधा, अब पहुंचा सलाखों के पीछे

गाजियाबाद के सिहानी नूर नगर के रहने वाले भाजपा नेता रविंद्र कांत त्यागी व उनके पुत्र विपुल त्यागी का गैंग खनन के अवैध धंधे को अंजाम देते रहे। लेकिन कहते हैं न कि कानून के हाथ लंबे होते हैं इससे कोई बच नहीं सकता एक न एक दिन खाकी के शिकंजे में आ ही जाता है। हाल ही में 6 जनवरी को जनपद बांदा के थाना पैलानी पुलिस ने गाजियाबाद के भाजपा नेता रविंद्र कांत त्यागी के गैंगस्टर माफिया विपुल त्यागी को आखिर गिरफ्तार कर जेल की सलाखों में पहुंचा ही दिया। यह बात शायद गाजियाबाद के लोगों को भी पता नही होगी कि सिहानी नूर नगर के रहने वाले एक सफेदपोश सत्ताधारी नेता का दामन इतना दागदार हो सकता है। हालांकि रविद्रकांत त्यागी के पुत्र विपुल त्यागी के कारनामे बीते साल तब सामने आए थे जब गाजियाबाद के ही एक नेता ने उन पर खनन में साझेदारी के काम मुनाफा का लालच देकर करोड़ों रुपए ठगने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। तब भी कुछ लोगों ने इसे आपसी विवाद मानते हुए बात को आई गई कर दिया।

बीजेपी सकते में

अब जब विपुल त्यागी जेल गया तो लोगों को यकीन हुआ कि जिसे वह एक इज्जतदार मानते थे उसने पूरब में जाकर जिले का नाम बदनाम कर दिया। खुद भाजपा सकते में होंगे कि जो लोग बगल में खड़े होकर फोटो खिंचवाते रहे, वह वाकई में खनन माफिया निकला। खनन के खेल में गायत्री प्रजापति को भी पीछे छोड़ा सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को जिस तरह सपा का संरक्षण प्राप्त था, उसी तरह सिहानी नूर नगर के रहने वाले रविंद्र कांत त्यागी के पुत्र विपुल त्यागी को भी सत्ताधारी भाजपा का वरदहस्त प्राप्त रहा। भाजपा के बड़े बड़े कद्दावर नेताओं के साथ फोटो इस बात की चीख चीख कर गवाही दे रहे हैं जिसमें विपुल त्यागी भाजपाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

यूपी पुलिस हाथ डालने से कतराती रही

शायद यही वजह रही कि, यूपी पुलिस उस पर हाथ डालने से कतराती रही। गाजियाबाद में दर्ज धोखाधड़ी के मुकदमे में तो कई भाजपा के बड़े नेताओं ने पुलिस अधिकारियों को आरोपी त्यागी परिवार से दूर रहने तक की हिदायत दी थी इसलिए गाजियाबाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तार करने की जहमत नहीं उठाई। खनन के आरोप में जिस तरह गायत्री प्रसाद सत्ता संरक्षण में बचता रहा, उसी तरह विपुल त्यागी भी खुलेआम घूमता रहा। आखिर में बांदा के पैलानी पुलिस ने गैंगस्टर में फरार चल रहे भाजपा को 6 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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