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भाई, मम्मी-पापा व दीदी को तुम संभाल लेना...पांच पन्नों का नोट लिख बैंककर्मी युवती ने दी जान, सहकर्मियों पर लगाया बड़ा आरोप
Ghaziabad News: गाजियाबाद के नंदग्राम इलाके की युवती ने सहकर्मियों से परेशान होकर खुदकुशी कर ली। सुसाइड नोट में तीन नामजद और अन्य पर आरोप लगाया और कहा, जिनकी वजह से मैं जान दे रहीं हूं, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
Ghaziabad News: गाजियाबाद में बैंककर्मी युवती ने सुसाइड कर लिया। युवती ने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जो कारण बताया है वह हैरान कर देने वाला है। गाजियाबाद में एक्सिस बैंक नोएडा की क्षेत्रीय शाखा में रिलेशनशिप मैनेजर के पद पर काम करने वाली घूकना निवासी शिवानी त्यागी (27) ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। यह कदम उठाने से पहले उसने पांच पेज का सुसाइड नोट लिख कर छोड़ा है। इसमें आत्महत्या के लिए उसने बैंक के तीन कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है।
भाई ने तीनों के खिलाफ दर्ज कराया केस
इस मामले में शिवानी के भाई गौरव ने तीनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 108 के तहत नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। गौरव ने बताया कि बहन काफी समय से परेशान चल रही थी। 12 जुलाई की शाम करीब सवा चार बजे उसने जहर खा लिया। उसे एमएमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से डाक्टरों ने दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी) के लिए रेफर कर दिया और वहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद घर में उसके कमरे में सुसाइड नोट मिला। इसी के आधार पर नंदग्राम थाने में बैंक कर्मचारी ज्योति चौहान, मोहम्मद अकरम, नजमुस शाकिब और अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
अपशब्द कहे, थप्पड़ मारा
गौरव ने बताया कि एमबीए करने के बाद 21 अक्टूबर 2023 से बहन बैंक में नौकरी कर रही थी। सुसाइड नोट पढ़ने के बाद पता चला कि 29 जून को ज्योति ने अपने साथियों के साथ बहन की मेज पर खाना खाया। इस दौरान मेज गंदी हो गई तो बहन ने मेज साफ करने के लिए कहा। इस पर उन्हें अपशब्द कहे गए। नौ जुलाई को ज्योति ने उसे गलत शब्द बोले। ज्योति ने हाथ पकड़ा और नाखून लगने पर खून भी निकलने लगा। जब उसने हाथ नहीं हटाया तो उसे थप्पड़ मार दिया। सीनियर को सभी बात बताई लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सहकर्मी परेशान कर रहे हैं सीनियर सुनवाई नहीं करते
गौरव ने बताया कि शिवानी ने सुसाइड नोट में लिखा है कि छह महीनों से मुझे ऑफिस के मेरे सहकर्मी परेशान कर रहे हैं। कोई अभद्र टिप्पणी करता तो कोई मेज गंदी करके चला जाता है।
सीनियर से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कई बार सीनियर भी सहकर्मी के साथ मिलकर मजाक बनाते हैं। मुझ पर त्यागपत्र देने का दबाव बनाया गया। मैंने नहीं दिया तो मुझे ही कंपनी से निकाल दिया गया। परेशान होकर मुझे नींद आनी बंद हो गई।
सुसाइड नोट में युवती ने लिखा कि परेशान होकर उसको नींद आनी बंद हो गई। उसने एक चिकित्सक को भी दिखाया। दवा लेने के बाद आराम मिला। युवती ने लिखा कि ऑफिस की परेशानी वह घर में किसी से इसलिए नहीं बताती थी जिससे घर वाले परेशान न हों।
उनको कड़ी सजा मिलनी चाहिए
युवती ने सुसाइड नोट में अपने मोबाइल के पासवर्ड समेत बैंक खाते की डिटेल भी लिखी है। युवती ने लिखा है कि भैया जिन लोगों की वजह से मैं यह कदम उठा रही हूं। उनको कड़ी सजा मिलनी चाहिए। ताकि आगे कभी किसी के साथ ऐसा न हो। घर में मम्मी, पापा, दीदी सबको संभाल लेना। जय श्री राम, बाय-बाय।
12 जुलाई को मिला बर्खास्त का पत्र तो उठाया कदम
युवती के भाई ने बताया कि नौ जुलाई को हुए विवाद के बाद उनकी बहन पर रिजाइन देने का दबाव बनाया गया। बहन ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसने अपनी गलती पूछी लेकिन कुछ नहीं बताया गया और न ही उसे परेशान करने वालों पर कोई कार्रवाई हुई।
बहन ने पहले परेशान होकर रिजाइन किया था, लेकिन कंपनी ने उसे मंजूर न करके समझाकर मामला समाप्त कर दिया था। 12 जुलाई को उन्हें बर्खास्त करने का पत्र मिला। बिना किसी गलती के बर्खास्त करने का पत्र मिलने से परेशान होकर बहन ने जहर खा लिया।
इस मामले में एसीपी नंदग्राम रवि कुमार ने बताया कि युवती के भाई ने ज्योति चौहान, मोहम्मद अकरम, नजमुस शाकिब व अन्यों के खिलाफ आत्महत्या के उकसाने की धारा 108 में नंदग्राम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। सुसाइड नोट की जांच की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।