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Election 2024 : किसके नाम होगी बलिया लोकसभा सीट, 'सनातन या नीरज' ?
Election 2024 : लोकसभा चुनाव - 2024 में उत्तर प्रदेश के बलिया सीट पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी, दोनों की साख दांव पर लगी हुई है। जहां बीजेपी इस सीट पर नीरज शेखर को मैदान में उतार कर हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रही है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने सनातन पांडेय को दूसरी बार उतारकर बीजेपी का सपना चकनाचूर करना चाहती है।
Election 2024 : लोकसभा चुनाव - 2024 में उत्तर प्रदेश के बलिया सीट पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी, दोनों की साख दांव पर लगी हुई है। जहां बीजेपी इस सीट पर नीरज शेखर को मैदान में उतार कर हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रही है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने सनातन पांडेय को दूसरी बार उतारकर बीजेपी का सपना चकनाचूर करना चाहती है। अब ये देखना है कि जिस समीकरण को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने सनातन पांडेय को उतारा है वह कितना कामयाब होता है या बीजेपी के राज्यसभा सांसद, लोकसभा के सांसद बनते हैं।
बलिया लोकसभा में गाजीपुर की दो विधानसभाएं
बलिया लोकसभा में गाजीपुर जनपद की दो विधानसभाएं, जहूराबाद और मुहम्मदाबाद आती हैं। मुहम्मदाबाद विधानसभा अफजाल अंसारी का गढ़ कहा जाता है तो जहूराबाद विधानसभा में भी पिछड़े वर्ग का ज्यादा वोट है, जिसमें राजभर, यादव और मुसलमान आते हैं। यहां राजभरों की संख्या ज्यादा है, इसके बाद यादव व अन्य जातियां आती हैं। जहूराबाद विधानसभा की बात करें तो राजभरों का 80 प्रतिशत वोट ओमप्रकाश के कहने पर भाजपा में जा सकता है। लेकिन यादव और मुसलमान समेत प्रजापति और पाल समाज का 80 प्रतिशत वोट समाजवादी पार्टी में जा सकता है। वहीं, मुहम्मदाबाद विधानसभा अफजाल का गढ़ कहा जाता है, यहां समाजवादी पार्टी भारी पड़ती दिख रही है, क्योंकि मुहम्मदाबाद विधानसभा से समाजवादी पार्टी के ही विधायक हैं।
बलिया लोकसभा जातीय समीकरण
बलिया लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण की बात करें तो इस लोकसभा में सबसे बड़ी आबादी ब्राम्हणों की है। यहां ब्राम्हणों की कुल आबादी करीब तीन लाख है, इसके बाद यादव, राजपूत व दलित हैं। इसी समीकरण को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने सनातन पांडेय को मैदान में उतारा है। सनातन को मैदान में उतारने का दूसरा कारण 2019 के लोकसभा चुनाव में वह कुछ हजार वोट से ही हारे थे।
ब्राह्मणों के सहारे सनातन और मोदी के सहारे नीरज
बलिया लोकसभा में सनातन पांडेय ब्राह्मणों के सहारे मैदान में हैं, वहीं नीरज, पीएम मोदी के सहारे में हैं। दरअसल, बलिया लोकसभा सीट पर ब्राह्मणों की संख्या ज्यादा है। वहीं, नीरज शेखर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास को लेकर मैदान में हैं। माना जा रहा है कि यादवों और मुसलमानों बेस वोट समाजवादी के साथ है और यदि ब्राह्मणों को सनातन अपनी ओर खींचने में कामयाब हो जाते हैं तो भाजपा की हैट्रिक आसान नहीं होगी।
बीजेपी के बड़े नेता हुए साइलेंट
बलिया लोकसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता नीरज शेखर को टिकट मिलने से नाखुश दिख रहे हैं, जिसमें पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी, आनंद स्वरूप शुक्ला और वर्तमान सासंद विरेंद्र सिंह मस्त हैं। ये लोग भले ही खुलकर नाराजगी जाहिर न कर रहे हों, लेकिन अंदर ही अंदर नीरज शेखर के प्रत्याशी बनने से ये लोग साइलेंट नजर आ रहे हैं, जिसका डर कहीं न कहीं बीजेपी को सता रहा है।
बीजेपी के कुछ नेता हुए नाराज
इस सीट पर बीजेपी के बड़े नेता जो टिकट की दावेदारी पेश कर रहे थे। वो लोग जिसमें आनंद स्वरूप शुक्ला, उपेंद्र तिवारी, सुरेंद्र सिंह व मस्त भी नीरज शेखर को प्रत्याशी बनाने पर नाखुश हैं। ये मैं नहीं, बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता ही कह रहे.हैं। इन लोगों का कहना है कि नीरज शेखर राज्यसभा सांसद थे तो लोकसभा का टिकट क्यों दिया गया है, वो भी तब, जब विरेंद्र सिंह मस्त लोकसभा में बढ़िया कार्य किए हैं।