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Election 2024 : अबकी बार गाजीपुर में किसकी सरकार, पारस या अफजाल?

Lok Sabha Election 2024 : गाजीपुर लोकसभा सीट से इस बार कौन सांसद चुन कर जायेगा, ये तो अभी भविष्य की बात है। हालांकि अभी जो स्थिति बनी हुई है, उससे तो यही लग रहा है कि गाजीपुर की राह बीजेपी के लिए आसान नहीं है।

Rajnish Mishra
Published on: 22 May 2024 7:23 PM IST
Election 2024 : अबकी बार गाजीपुर में किसकी सरकार, पारस या अफजाल?
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Lok Sabha Election 2024 : गाजीपुर लोकसभा सीट से इस बार कौन सांसद चुन कर जायेगा, ये तो अभी भविष्य की बात है। हालांकि अभी जो स्थिति बनी हुई है, उससे तो यही लग रहा है कि गाजीपुर की राह बीजेपी के लिए आसान नहीं है। जिसका कारण है कि बीजेपी प्रत्याशी पारसनाथ राय अभी-अभी राजनीति में प्रवेश किए हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अफजाल अंसारी राजनीति के मझे हुए खिलाड़ी हैं।

बीजेपी प्रत्याशी पारस नाथ राय राजनीति में प्रवेश करने से पहले एक शिक्षक हैं। अगर आम जनता में पारस की पहचान की बात की जाये तो अफजाल अंसारी से बहुत पीछे है। गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता पारस नाथ राय को टिकट मिलने से पहले नहीं जानती थी, वहीं अफजाल अंसारी गाजीपुर से विधायक व सांसद रह चुके हैं। जिसकी वजह से गाजीपुर लोकसभा की जनता अफजाल अंसारी से भलीभांति परिचित है, लेकिन बीजेपी के दिग्गज नेता पारस नाथ राय के पक्ष में माहौल बनाने में लगे हुए हैं।

भुमिहार वोटरों पर बीजेपी की निगाहें

गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में भुमिहार वोटरों की अच्छी खासी तादाद है, जिस पर बीजेपी की निगाह लगी हुई है। वहीं अफजाल अंसारी की भी भुमिहार वोटरों में पकड़ है। यदि ठाकुर, ब्राह्मण, कुशवाहा बीजेपी के साथ तो है, लेकिन कुछ पिछड़ी जातियां भी अफजाल की तरफ जाती हुई लग रही हैं। सबसे बड़ी बात तो ये है कि बीएसपी के वोटर भी अफजाल को सपोर्ट कर रहे हैं। न्यूजट्रेक की टीम ने जब वोटरों से बात की तो कुछ लोगों ने बताया कि बीएसपी का जनाधार नहीं है।

चार विधायक समाजवादी पार्टी के

गाजीपुर जनपद में सात विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें मोहम्मदाबाद व जहूराबाद तो बलिया लोकसभा में आता है। वहीं, पांच गाजीपुर सदर, सैदपुर, जंगीपुर, जमानियां व जखनियां विधानसभा क्षेत्र गाजीपुर लोकसभा सीट में आता है। इन पांच विधायकों में से चार विधायक ओमप्रकाश सिंह, विरेंद्र यादव, जयकिशन साहू, अंकित भारती समाजवादी पार्टी से विधायक हैं। जखनियां विधानसभा से सुहेलदेव पार्टी के बेदी राम विधायक हैं, जो इस बार एनडीए का हिस्सा हैं। समाजवादी पार्टी के चार विधायकों से सजा गाजीपुर का रण बीजेपी के लिए आसान नहीं है।

अब बीजेपी उम्मीदवार पारस नाथ राय की बात करे तो इनके साथ विशाल स़िह चंचल हैं, जिनकी पहचान गाजीपुर में किसी से छिपी नहीं है। गाजीपुर के लोकप्रिय नेता में गिने जाते हैं। एमएलसी विशाल सिंह चंचल हर व्यक्ति की मदद भी करते हैं। एमएलसी विशाल सिंह चंचल, पारस नाथ राय के लिए संजीवनी हैं। वहीं, बीजेपी के राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत भी आम जनता में काफी लोकप्रिय नेता हैं। वहीं, सबसे बड़ी बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा गाजीपुर से पारस नाथ राय के लिए अहम साबित हो सकता है। इन नेताओं की वजह से पारस नाथ राय, अफजाल अंसारी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

ओम प्रकाश के एनडीए में शामिल होने से कितना फायदा

ओमप्रकाश राजभर के एनडीए में शामिल होने से राजभरों का वोट तो बीजेपी को मिलता दिख रहा है, लेकिन ओमप्रकाश के एनडीए में शामिल होने से कुछ बड़ी जातियां बीजेपी से नाराज भी चल रही हैं, जिसका कारण खुद ओमप्रकाश राजभर ही हैं। ओमप्रकाश राजभर ने बीते विधानसभा चुनाव 2022 में खुल कर बड़ी जातियों को निशाना बनाते हुए उल्टे सीधे बयान दिया था। इसी वजह से कुछ बीजेपी से नाराज चल रहे हैं।

बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा

बीजेपी के लिए सबसे बड़ी कठिनाई तो युवा वर्ग करती दिख रही हैं। न्यूजट्रेक से युवाओं ने कहा कि बीजेपी सरकार में बेरोजगारी बढ़ गई है। वेकेंसी के नाम पर कुछ नहीं है। उम्र भी समाप्त हो रहा है। पुलिस भर्ती हुई तो कुछ उम्मीद जगी, लेकिन इसका भी पेपर लीक हो गया। खाली पड़े शिक्षक के पदों की भर्ती नहीं हो रही है। ऐसे तमाम मुद्दे युवाओं के हैं, जो बीजेपी उम्मीदवार पारस नाथ राय को मुश्किलों में डाल सकते हैं।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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