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Mukhtar Ansari Death: मुख्तार का वो गुरु जिसने गुरु दक्षिणा में मांगी दबंग की लाश

Ghazipur News: गाजीपुर जिले के सैदपुर क्षेत्र मुड़ियार गांव निवासी साधु सिंह व मकनु सिंह 80 के दशक में अपराध की दुनिया के बेताज बादसाह थे ।

Rajnish Mishra
Published on: 29 March 2024 7:39 AM IST
Mukhtar Ansari
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Mukhtar Ansari   (photo: social media )

Ghazipur News: हमारे देश में सदियों से गुरु से शिक्षा लेने के उपरांत गुरु दक्षिणा देने का परमपरा चला आ रहा है । महाभारत के गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य से उसका अंगुठा मांग लिया था । तो एकलव्य ने हसते हुए अपना अंगुठा दान कर दिया था । ठीक इसी तरह मुख्तार अंसारी के अपराधी दुनिया के एक गुरु ने एक दबंग की मुख्तार से लाश मांग ली । तब मुख्तार ने अपने गुरु को निराश नहीं किया ।

मुख्तार के गुरु साधु सिंह व मकनु सिंह

गाजीपुर जिले के सैदपुर क्षेत्र मुड़ियार गांव निवासी साधु सिंह व मकनु सिंह 80 के दशक में अपराध की दुनिया के बेताज बादसाह थे । इनके चाचा थे , रामपत सिंह जो अस्सी के दशक में मुड़ियार गांव के प्रधान चुने गये थे । जब साधु सिंह व मकनु सिंह के रामपत सिंह प्रधान बने तो साधु व मकनु सिंह को खुशी नहीं थी । बल्कि अपने चाचा के प्रधान बनने से गम ज्यादा था । क्यो की रामपत सिंह रसूखदार बन चुके थे । रामपत सिंह को भला क्या मालूम की उनके भतीजे साधु व मकनु सिंह उनके खिलाफ साजिश रच रहे है ।

साधु व मकनु ने अपने चाचा से की गाली गलौज

अपराध की दुनिया के दो खिलाड़ी साधु सिंह व मकनु सिंह एक दीन पांच बीघा जमीन के लिए अपने चाचा के साथ गालीगलौज करना शुरू कर दिया । तो वहीं रामपत सिंह अपने बेटों त्रिभुवन सिंह व अन्य बेटों के साथ साधु सिंह व मकनु सिंह को लाठी डंडे से पीट दिया जिसके बाद कुछ दिनों तक दोनों तरफ के लोग शांत रहे । लेकिन कुछ दिन बाद साधु सिंह व मकनु सिंह ने रामपत सिंह को मार डाला ।

साधु मकनु हुए फरार

ग्रांम प्रधान रामपत सिंह की हत्या के बाद साधु व मकनु सिंह फरार हो गये । कुछ दिनों बाद जब दोनों वापस गांव लौटे तो साधु और मकनु सिंह ने रामपत सिंह के तीन बेटों की हत्या कर दी । इस हत्याकांड के बाद रामपत सिंह के दो बेटे त्रिभुवन सिंह व राजेंद्र सिंह को गांव छोड़ना पड़ा ।

साधु व मकनु ऐसे बने मुख्तार के अपराधी दुनिया के गुरु

बताया जाता है की 80 के दशक में मुख्तार पढ़ाई करते थे । इस दौरान उनके पिता मुहम्मदाबाद के चेयरमैन थे उस दौरान मुख्तार अंसारी कालेज में दबंगई किया करता था । उस समय मुहम्मदाबाद इलाके में एक और सख्श था सच्चिदानंद राय । सच्चिदानंद राय ने मुख्तार के पिता को भरे बजार में अपमानित कर दिया । जिसका बदला लेने के लिए मुख्तार बेचैन हो गया । सोचने लगा की पिता के अपमान का बदला कैसे लिया जाये । तब मुख्तार अंसारी ने पिता के अपमान का बदला लेने के लिए साधु सिंह व मकनु से मदद मांगी । उस दौरान त्रिभुवन सिंह के पिता व भाईयों की हत्या कर साधु व मकनु अपराध की दुनिया के गाजीपुर के बादसाह हो चुके थे । लिहाजा सच्चिदानंद राय की हत्या हो गई. साधु और मकनू ने मुख्तार के पिता का बदला लेने में मदद की, जिसके बाद मुख्तार उन्हें अपना आपराधिक गुरु मानने लगा । अब वक्ता आ गया था गुरुदक्षिणा देने का । साधु और मकनू ने मुख्तार के सामने एक ऐसा प्रस्ताव रखा, जिसने पूरे पूर्वांचल में सबसे खौफनाक आपराधिक इतिहास की नींव तैयार कर दी ।

साधु व मकनु सिंह ने मांगी गुरु दक्षिणा में लाश

सच्चिदानंद राय के हत्या के बाद मुख्तार साधु व मकनु को अपना गुरु मानने लगा । तब साधु व मकनु सिंह ने मुख्तार अंसारी से गुरु दक्षिणा के रुप में सैदपुर निवासी छत्रपाल सिंह व रणजीत सिंह की लाश मांग ली । ये सुनकर मुख्तार भी एक बार हिल गया । क्यो की रणजीत सिंह व छत्रपाल सिंह दोनों दबंग छवि के थे। जो साधु व मकनु को खटक रही थी । बताया जाता है के रणजीत सिंह व छत्रपाल को मारने के लिए रामु मल्लाह से मुख्तार ने दोस्ती की जो आगे चलकर मुख्तार का शूटर बन गया ।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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