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UP News: गाजीपुर में मौत का खुलेआम सौदा! एक इंजेक्शन में तीन दिन से अधिक रहता नशा, पुलिस को मिली बड़ी कामियाबी
UP News: पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि इस गिरोह का सरगना धीरेंद्र त्रिपाठी पहले भी ऐसे ही मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। यह लोग बिहार से सस्ते दामों पर प्रतिबंधित दवाएं लाकर यहां ज्यादा दामों पर लोगों को बेचते थे।
UP News: गाजीपुर में दवाई के नाम पर नशे के इंजेक्शन और टेबलेट बेचने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। छापेमारी में पुलिस ने नशीले 210 बुप्रीरेज इन्जेक्शन और 30 शीशी ऐविल इन्जेक्शन, 560 निडल और 180 सिरिन्ज बरामद किया गया है। पुलिस के मुताबिक, उन्हें लंबे समय से नशे के कारोबार की सूचना मिल रही ही। सूचना के आधार पर नशा गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है।
पुलिस के मुताबिक 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, इसमें गिरोह का सरगना भी शामिल है। पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वो लोग बिहार से नशीली दवाइयां और इंजेक्शन सस्ते दामों में खरीदकर नशा करने वाले लोगों को ज्यादा कीमत पर बेचते थे।
गिरोह का सरगना धीरेंद्र त्रिपाठी गिरफ्तार
पुलिस अधिकारियो ने बताया कि उन्हे मुखबिरों ने महुआबाग में आरोपियों के छिपे होने की सूचना मिली। पुलिस ने सूचना मिलते ही दबिश डाली और गिरोह के 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किये गये आरोपियों में गिरोह का सरगना धीरेंद्र त्रिपाठी भी नशे में शामिल है। वह नशीली दवाइयां और नशे का इंजेक्शन बेचकर मालामाल होकर लग्जरी गाड़ियों से घूमा करता था।
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि इस गिरोह का सरगना धीरेंद्र त्रिपाठी पहले भी ऐसे ही मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। यह लोग बिहार से सस्ते दामों पर प्रतिबंधित दवाएं लाकर यहां ज्यादा दामों पर लोगों को बेचते थे। इन इंजेक्शन का लगभग तीन दिनों तक असर रहता है। धीरे-धीरे इंजेक्शन लगवाने वाला इसका आदी हो जाता है। युवाओं में बढ़ती नशे की डिमांड का इस तरह के गिरोह फायदा उठाकर उन्हें आसानी से टेबलेट्स और इंजेक्शन के रूप में नशीले पदार्थ आसानी से मुहैया कराकर अपने कारोबार को बढ़ा रहे थे। लेकिन पुलिस ने उनकी मनशा पर पानी फेर दिया। फिलहाल पुलिस गिरफ्तार किये गये आरोपियों से पूछताछ कर रही है।