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Ghazipur News: पानी से प्यासे गांव में आप का स्वागत है, शिकारपुर गांव जनपद गाजीपुर
Ghazipur News: शिकारपुर निवासियों ने जनपद के नेताओं को आईना दिखाते हुए गांव के चौराहों पर बोर्ड लगा रखा है। बोर्ड पर लिखा है नेता जी जब आप हमारें गांव पधारेंगे तब हम...
Ghazipur News: यदि आप से कहां जाये कि 21 वीं सदी में भी एक गांव एक बुंद पानी के लिए जद्दोजहद कर रहा है तो आप शायद यकीन नहीं करेंगे। लेकिन ये बात सहीं है कि 21वीं सदी में भी एक गांव पानी के लिए जद्दोजहद कर रहा है। ये गांव कोई फिल्मी नहीं बल्कि वास्तविक गांव है। ये कोई जंगलों के आसपास नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का गृह जिला उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद में ही बसा है। जिसका नाम है शिकारपुर। गांव का नाम सूनकर लगा होगा कि ये फिल्मी गांव है, लेकिन ये गांव नंदगंज थाने क्षेत्र में ही है। जिसकी आबादी दो हजार है। इस गांव के दो हजार लोग दो हैडपंपों के सहारे है।
खारे पानी के वजह से जद्दोजहद करते है ग्रामीण
शिकारपुर गांव की आबादी लगभग दो हजार के आसपास है। इस गांव के लोग पानी पीने के लिए दो हैडपंपों के सहारे है। क्योकि इस गांव में जहां भी हैंडपंप लगे उस हैडपंप से खारा पानी ही निकला है। शिकारपुर के ग्रामीणों ने बताया कि जहां भी बोरिंग होती है वहां से खारा पानी ही निकलता है। गांव में सिर्फ दो हैंडपंप ही है जो कामचलाऊ पानी देते है। इस हैडपम्प पर सारे दिन ग्रामीणों की भीड़ लगी रहती है। ग्रामीणों ने बताया की इस गांव में पानी तो बहुत है लेकिन पिने लायक नहीं है।
पशु भी नहीं पीते पानी
शिकारपुर निवासियों ने बताया कि साहब इस गांव के पानी को इंसान तो छोड़िए इस गांव के पशु भी नहीं पीते है। यहां तक की इस गांव के पानी से खेती भी नहीं की जाती है। अगर इस पानी से खेती की जाये तो पानी खरा होने के वजह से फसल भी चौपट हो जाती है। डाक्टरों की माने तो लम्बे समय तक खरा पानी पीने के बाद गुर्दे व फेफड़ों में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
समाजसेवी सिद्धार्थ राय ने लगवाया समरसिबल
राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित समाजसेवी सिद्धार्थ राय ने फोन पर बताया की शिकारपुर निवासियों को पानी पहुंचाने के लिए मैं जीजान से लगा हूं। उन्होंने बताया कि अपने तरफ से गांव में समरसिबल लगवा दिया हूं। और अब नल से पानी देने की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन ये काफी नहीं है। उन्होंने बताया की इस गांव के महिलाएं, बच्चे, बुढ़े सभी लोग ठेले साईकिल से पानी लाने के जद्दोजहद में लगे रहते है। उन्होंने कहां कि लोगों के साथ मिलकर गांव शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए मैने चारों तरफ बोर्ड लगवा दिया है। उन्होंने बताया की गांव के लोग 77 साल से पानी का इंतजार कर रहे है। उन्होंने बताया की अगर जल्द ही इस सम्स्या का निस्तारण नहीं हुआ तो मैं और पुरा गांव धरने पर ब़ैठ जायेंगे। उन्होंने कहां कि चाहे जो भी हो जाये हम गांव में पानी लाकर रहेंगे।
गांव के चौराहों पर लगा बोर्ड
शिकारपुर निवासियों ने जनपद के नेताओं को आईना दिखाते हुए गांव के चौराहों पर बोर्ड लगा रखा है। व उसके निचे एक प्याऊ रखा हुआ है। बोर्ड पर लिखा है नेता जी जब आप हमारें गांव पधारेंगे तब हम लोग आप को भी गांव का खारा पानी पीला कर स्वागत करेंगे। तो वहीं एक और बोर्ड पर लिखा है कि पानी से प्यासे शिकारपुर गांव में नेताओं का स्वागत है। गांव के आक्रोशित युवाओं ने कहां कि हम लोग युवा है पढ़े लिखे है हम लोगों को पता है कि खारा पानी पीने के वजह से कैंसर होता है। उन लोगों ने कहां कि जब चुनाव आता है तो वोट लेने के लिए सारे नेता गांव के चक्कर लगाते है। किसी को भी इस गांव के लोगों की चिंता नहीं है।