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गुलाम नबी आजाद ने PM MODI पर कसा तंज, बोले-जब वोट इनके, तो गांव-गांव कटोरा लेकर क्यों घूम रहे?
कानपुर: उत्तर प्रदेश में चुनावी बयार जोरों पर है। सभी पार्टियां एक-दूसरे के ऊपर जमकर कटाक्ष कर रही हैं। राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हमारे टाइम में नेहरु, राजीव गांधी,इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह एक या दो मीटिंग करते थे। अगर देश के प्रधानमंत्री के साथ वोट हैं, तो वह ब्लॉक प्रेसिडेंट की तरह गांव-गांव कटोरा लेकर क्यों जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा का गठबंधन जनता को तो पसंद है, लेकिन इनको नहीं पसंद है। झूठ बोलने की तो इनकी आदत है। ढाई साल में उनको जनता ने कितना पसंद किया? अमेरिका, लंदन, बर्तानिया की सोशल मीडिया देखिए, यहां की सोशल मीडिया मत देखिए।
महाराजपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी राजाराम पाल के समर्थन में जन सभा करने पहुंचे। गुलाम नबी आजाद ने संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रदेश की राजनीति का चुनाव नहीं बल्कि दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव की भी राजनीति तय करेगा। 2014 में उत्तर प्रदेश ने बीजेपी को 80 में से 73 सीटें दिलाकर इनकी सरकार बनाई थी। यदि यह सीटें नही मिलती, तो इनकी सरकार नहीं बनती।
-उन्होंने कहा कि हमें सिखाया गया है कि सभी धर्म एक हैं। मुस्लिम अल्लाह बोलते हैं, हिंदू भगवान बोलते हैं, सिख वाहे गुरु बोलते हैं। रास्ते अलग-अलग हैं, लेकिन सभी को पहुंचना एक ही जगह है। हम इंसानों को कोई हक नहीं है कि भगवान के बनाए हुए को बांटे कांग्रेस की सोच है कि सब बराबर हैं। जिसको जो जरूरत हो, उसे दे दो।
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-कुछ पार्टियां हैं, जिन्हें एक आंख से दिखाई नहीं देता है, एक कान से सुनाई नहीं देता है। बीते ढाई साल में फर्क नजर नहीं आया है।
-अटल बिहारी बाजपेई की राजनीति अलग थी। इंसानियत थी। सभी उनका आदर करते थे। मैं कह सकता कि वह सेक्युलर नहीं थे।
-वह राजनीति करते थे, जिसका जो हक़ था, उसको दे देते थे।
-सपा-कांग्रेस के गठबंधन पर बोले गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम 28 साल से यूपी में नहीं थे, लेकिन हमने यूपीए के समय में किए गए विकास कार्यों के आधार पर चुनाव लड़ रहे थे।
-अखिलेश यादव भी अपने विकास कार्यों को लेकर चुनाव लड़ रहे थे। हमारे विचार मिले, तो हमने गठबंधन किया।
-हमने तमिलनाडु में गठबंधन किया, तो हमारी सरकार बनी जब गठबंधन नहीं किया। सत्ता से बाहर हो गए हमने बिहार में गठबंधन किया, हम सत्ता में आए।
-हमने जम्मू कश्मीर में गठबंधन किया, हम जीते। जब गठबंधन नहीं किया, तो हार गए।
-हमने चुनाव आयोग के आंकड़े देखे, जिसमें से 69 प्रतिशत एंटी बीजेपी है और 31 प्रतिशत लोगों ने बीजेपी को जिताया है।
-यदि यह 69 प्रतिशत लोग मिलकर चुनाव लड़े, तो यह पार्टी दोबारा सत्ता में नहीं आ सकती है।