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कुंभ को वैश्विक मान्यता दिलाने पर मोदी जी का मैं सदैव ऋणी रहूंगा: योगी

प्रयागराज वैदिक काल से ही तपस्वी और अध्यात्म की नगरी रही है। जहां महर्षि भारद्वाज जैसे गुरू ने शिक्षा एवं दीक्षा देने का कार्य किया। महर्षि भारद्वाज विमान शास्त्र के विशेषज्ञ थे क्योंकि जो जहाज आज हम आसमान में उड़ता देख रहे हैं।

Anoop Ojha
Published on: 29 Jan 2019 3:44 PM IST
कुंभ को वैश्विक मान्यता दिलाने पर मोदी जी का मैं सदैव ऋणी रहूंगा: योगी
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आशीष पाण्डेय

कुंभ नगर: प्रयागराज वैदिक काल से ही तपस्वी और अध्यात्म की नगरी रही है। जहां महर्षि भारद्वाज जैसे गुरू ने शिक्षा एवं दीक्षा देने का कार्य किया। महर्षि भारद्वाज विमान शास्त्र के विशेषज्ञ थे क्योंकि जो जहाज आज हम आसमान में उड़ता देख रहे हैं। उसकी रचना त्रेता युग में पुष्पक विमान के रूप में उन्होंने ही की थी। ऐसे ऋषियों एवं मुनियों का आर्शीवाद ही प्रयागराज को दिव्य और भव्य बनाता है। मंगलवार को मेला प्राधिकरण में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैठक लेने के बाद प्रेस ब्रीफ के लिए कुंभ क्षेत्र के सेक्टर नं. 2 स्थित मीडिया सेंटर पहुंचे। जहां पर उन्होंने पत्रकारों से वार्ता की।

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कुंभ पहले भी होते थे लेकिन इतनी दिव्यता भव्यता नहीं थी - योगी

सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज में पहले भी कुंभ होते थे लेकिन इस बार कुंभ का विस्तार करते हुए स्वच्छता और श्रद्धालुओं की समस्याओं पर विशेष बल दिया गया है। योगी ने आगे कहा कि प्रयागराज में स्थित श्रृंगवेरपुर धाम है। श्रृंगी ऋषि का आश्रम है और वनवास के दौरान प्रभु श्री राम, माता जानकी व लक्ष्मण को निषादराज गुह्य ने नाव से गंगा नदी पार कराई थी। उस धार्मिक स्थली के सौंदर्यीकरण एवं वहां पर श्रृंगी ऋषि के आश्रम का सौंदर्यीकरण समेंत निषादराज गुह्य की मूर्ति बनाने का निर्णय लिया गया है। उस स्थल को भी दिव्य बनाने का निर्णय लिया गया है।

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कुंभ पहले भी होते थे लेकिन इतनी दिव्यता भव्यता नहीं थी- योगी

गंगा की दिव्यता भव्यता प्रकाश ड़ालते हुए उन्होंने कहा कि कुंभ क्षेत्र में गंगा की अविरलता और निर्मलता देखते बनती है। यह हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गंगा मैया के प्रति आस्था और मां गंगा का उनके ऊपर आर्शीवाद के चलते हुआ है। यह नमामि गंगे परियोजना के चलते संभव हुआ है इसके लिए मैं प्रधानमंत्री जी को बधाई देता हूं।

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उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि नरेंद्र मोदी ने दिव्य कुंभ में मानवता के संगम को विश्वपटल पर प्रचार किया है और सभी को कुंभ आने का निमंत्रण दिया। परिणाम स्वरूप 70 से अधिक देशों के राजनयिकों ने कुंभ में आकर यहां की दिव्यता, भव्यता और मां गंगा की सौम्यता और निर्मलता को देख इस विशाल जन समागम और आध्यात्म क्षेत्र की सराहना की। विदेश में भी मां गंगा के प्रति आस्था तब दिखी जब कई देश से आए प्रवासियों ने बताया कि विदेश में गंगा तालाब की स्थापना की गई है। जिसकी स्वच्छता और सौदर्यता पर जोर दिया जाता है साथ ही वह यहां से गंगा मैया का जल भी साथ ले गए उस गंगा तालाब में डालने के लिए।यह हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ही देन है। जिसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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