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सोना-चांदी गलाने वाली सराफा कारोबारी और सुनार भी आए प्रदूषण के दायरे में

Manali Rastogi
Published on: 13 Sept 2018 1:00 PM IST
सोना-चांदी गलाने वाली सराफा कारोबारी और सुनार भी आए प्रदूषण के दायरे में
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सहारनपुर: फाउंड्री व बैटरी/एल्यूमिनियम की स्क्रैप फैक्ट्रियों के बाद सोने-चांदी को गलाने व चमकाने वाले सर्राफा रिफायनरियां प्रदूषण जांच की जद में आ गई है जिसके बाद सर्राफा कारोबारियों में हडकंप मचा है। शिकायतों पर नगर मजिस्ट्रेट द्वारा कराई गई जांच में करीब डेढ़ दर्जन रिफाइनरियों पर आरोप सही पाए गए हैं जिस पर अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। मामला शहर के बीचोबीच स्थित सर्राफा बाजार, रामानंदी व कायस्थान आदि बाजारों का है।

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क्षेत्र के ही दर्जनों लोगों ने डीएम को शिकायत की थी कि कायस्थान व रामानंदी आदि सर्राफा बाजारों में अवैध तरीके से सोना-चांदी को गलाकर शुद्ध करने व चमकाने को रिफायनरी लगा ली है जिनमें सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल किया जा रहा है। एसिड सोने में मिश्रित तांबे को रसायनिक क्रिया से वाष्प के रूप में बदलता है।

यह एसिड तांबे से रसायनिक क्रिया कर कॉपर ऑक्साइड बनाता है और वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन को नष्ट कर देता है। इससे जहां सांस लेने में दिक्कत है वहीं तांबा वाष्प के रूप में सांस के साथ फेफडों पर जमा हो जाता है जो मृत्युकारक है। यही नहीं, एसिड को इस्तेमाल के बाद ज्यों का त्यों नालियां में बहा दिया जा रहा है जिससे नगर निगम की सीवर लाइन, नालियां व घरों की नींव के साथ भूजल भी खराब हो रहा है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, डीएम ने सिटी मजिस्टट्रेट को जांच दी। सिटी मजिस्ट्रेट ने थाना मंडी से लाइसेंस आदि जांच कराई। जांच में किसी सर्राफा कारोबारी के पास लाइसेंस तक नहीं था तो सल्फयूरिक एसिड का रखरखाव भी सही तरीके से किया जाना नहीं पाया गया। सभी के द्वारा एसिड को नाले में बहाया जा रहा है।

पर्यावरण संबंधी मानक भी पूरे नहीं पाएं गए तो किसी के पास फायर की एनओसी भी नहीं है। इस पर तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने प्रदूषण, अग्निशमन, औषधि निरीक्षक व नगर स्वास्थ्य अधिकारी को अलग-अलग जांच कर, कार्रवाई के निर्देश दिए लेकिन मामला दबा लिया गया। अब मामला प्रदूषण विभाग के पाले में है।

शिकायतकर्ताओं नरेंद्र वर्मा, बृजपाल वर्मा, विक्रमजीत, जयप्रकाश, सतीश, अशोक, विनोद, नरेश, रामेश्वर दयाल, बिजेंद्र, विनोद, कुलदीप, अनिल आदि का आरोप है कि सल्फ्यूरिक एसिड एचटूएसओफोर व सोडियम क्लोराइड एनएसीएल की क्रिया से बनने वाले अम्लराज का प्रयोग इन रिफायनरियों में किया जा रहा है जिससे वायु व भूजल दोनों तरह का प्रदूषण हो रहा है।

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी एसआर मौर्या व सहायक पर्यावरण अभियंता जेबी सिंह ने बताया कि 17 सर्राफा रिफायनरियों का मामला है। कहा कि घरेलू उद्योग है लेकिन प्रदूषण का मामला गंभीर है। कार्रवाई होगी।

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