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अब घुटने में लगेगा सोना: मेयो मेडिकल सेंटर ने पाई बड़ी सफलता

गोमती नगर स्थित मेयो मेडिकल सेंटर ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। लखनऊ में पहली बार मेयो अस्पताल में ‘गोल्ड नी रिप्लेसमेंट’ किया गया है।

Manali Rastogi
Published on: 29 Nov 2018 8:17 AM GMT
अब घुटने में लगेगा सोना: मेयो मेडिकल सेंटर ने पाई बड़ी सफलता
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अब घुटने में लगेगा सोना: मेयो मेडिकल सेंटर ने पाई बड़ी सफलता

लखनऊ: गोमती नगर स्थित मेयो मेडिकल सेंटर ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। लखनऊ में पहली बार मेयो अस्पताल में ‘गोल्ड नी रिप्लेसमेंट’ किया गया है।

एलर्जी की नहीं होगी संभावना

इस प्रत्यारोपण के बाद किसी तरह की एलर्जी की संभावना नहीं रहती। जहां दूसरी नी रिप्लेसमेंट तकनीकों से इंफेक्शन और एलर्जी का खतरा होता है, वहीं यह तकनीक पूरी तरह सुरक्षित है। मेयो मेडिकल सेंटर ज्वाइंट रिप्लेसमेन्ट घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी शुरू करने वाला प्रदेश का पहला सेंटर बन गया है।

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मेटल की जगह गोल्ड का इस्तेमाल

अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि घुटना प्रत्यारोपण (नी रिप्लेसमेंट) में जो उपकरण लगाया जाता है उसमें मेटल का प्रयोग किया जाता है। इस उपकरण में लगे धातु से मरीज को एलर्जी हो सकती है। ऐसे में मरीज को एंटी एलर्जिक दवाएं भी लेनी पड़ती है। आधुनिक तकनीक की बात की जाए तो इसमें मेटल की जगह सोना (गोल्ड) का प्रयोग किया जाता है।

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40 से 45 साल तक की लाइफ

सेंटर की डायरेक्टर स्निग्धा सिंह ने बताया कि मेयो मेडिकल सेंटर में रियायती दर पर घुटना प्रत्यारोपण किया जाता है। जबकि अन्य केंद्रों में इसकी लागत ढाई लाख से तीन लाख आती है। गोल्ड नी इम्प्लांट से होने वाले प्रत्यारोपण की लागत 1.70 लाख आती है। इसके साथ ही यह लंबे समय तक चलता है। मेटल वाले उपकरण की लाइफ 25 से 30 साल होती है वहीं गोल्डन नी 40 से 45 साल तक चलता है।

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Manali Rastogi

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