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अब भी मंडरा रहा है गोमती बैराज पर खतरा, आवाजाही रोकी, लेकिन जिम्मेदारी तय नहीं
गोमती बराज पुल के एक हिस्से पर अब भी खतरा बना हुआ है। बताया जा रहा है, कि बैराज के जिस तरफ बाढ नियंत्रण कक्ष का भवन गिरा है, उस तरफ की सड़क धंस गई है। जानकारों का मानना है, कि ऐसे में पुल पर आवागमन महीनों बंद हो सकता है।
लखनऊ: गोमती बैराज पुल गिरने के तीन दिन बाद भी सिंचाई विभाग यह पता नहीं लगा सका है कि पुल को कितना नुकसान हुआ है। फिलहाल, एहतियात के तौर पर पुल के दोनों तरफ लोहे की चादरें लगाकर यातायात रोक दिया गया है। इस बीच, समतामूलक चौराहे की तरफ जहां मिट्टी धंस गई थी, वहां जेसीबी मशीन से खुदाई की जा रही है, ताकि नुकसान का आकलन किया जा सके।
जिम्मेदारी तय नहीं
-सिंचाई विभाग के जानकारों के मुताबिक गोमती बैराज पुल के एक हिस्से पर अब भी खतरा बना हुआ है।
-बताया जा रहा है, कि बैराज के जिस तरफ बाढ नियंत्रण कक्ष का भवन गिरा है, उस तरफ की सड़क धंस गई है।
-जानकारों का मानना है, कि ऐसे में पुल पर आवागमन महीनों बंद हो सकता है।
-फिलहाल जिस अंडरपास के लिए मिट्टी हटाई गई थी, उस पर काम चल रहा है।
-लेकिन शनिवार को पुल ढहने की घटना के लिए अब तक किसी विभागीय अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई है।
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क्या है मामला?
-दरअसल, शनिवार को एकाएक गोमती बैराज पुल से सटा बाढ नियंत्रण कक्ष ढह गया था।
-यह हादसा पुल के नीचे बनाए जा रहे अंडरपास की वजह से हुआ।
-अंडरपास के लिए बिना तैयारी और तकनीकी सावधानी के पुल के नीचे से मिट्टी हटा दी गई थी।
-मिट्टी हटने के कारण बाढ़ नियंत्रण कक्ष हवा में लटक गया था, जो अचानक शनिवार को भरभरा कर गिर पड़ा।
-हालांकि, कक्ष लटकने के बाद ही खतरा भांपते हुए विभाग ने नियंत्रण कक्ष खाली कर दिया था।
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