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Gonda News: राष्ट्रीय ध्वज सम्मान को लेकर चलेगा व्यापक जागरूकता अभियान, मंडलायुक्त ने जारी किए दिशा निर्देश

Gonda News: राष्ट्रीय ध्वज केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि भारत के गौरव, अस्मिता और एकता का प्रतीक है। यह प्रत्येक नागरिक के लिए सम्मान और गर्व का विषय है।

Vishal Singh
Published on: 20 Feb 2025 9:33 PM IST
Gonda News: राष्ट्रीय ध्वज सम्मान को लेकर चलेगा व्यापक जागरूकता अभियान, मंडलायुक्त ने जारी किए दिशा निर्देश
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Gonda News: राष्ट्रीय ध्वज केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि भारत के गौरव, अस्मिता और एकता का प्रतीक है। यह प्रत्येक नागरिक के लिए सम्मान और गर्व का विषय है। इसी को ध्यान में रखते हुए मंडलायुक्त शशी भूषण लाल सुशील ने मंडल के समस्त जिलाधिकारियों, मंडल स्तरीय अफसरों को निर्देशित किया है कि वे भारतीय झंडा संहिता, 2002 (2021 एवं 2022 में संशोधित) तथा राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 में निहित प्रावधानों के अनुपालन को सुनिश्चित करें और व्यापक स्तर पर जन - जागरूकता अभियान चलाया जाना सुनिश्चत करें।

राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान एवं मर्यादा की महत्ता से अवगत कराना

इस अभियान का उद्देश्य जनता को राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान एवं मर्यादा की महत्ता से अवगत कराना है। यह देखा गया है कि कई बार अनजाने में लोग झंडे के प्रदर्शन, ध्वजारोहण और निपटान के नियमों का उल्लंघन कर बैठते हैं। इसके मद्देनजर मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार - प्रसार करें ताकि लोग झंडे से जुड़े नियमों को समझ सकें और उनका पालन करें।

भारतीय झंडा संहिता 2002 के मुख्य नियमों पर विशेष जोर दिया

इसको लेकर जारी निर्देशों में भारतीय झंडा संहिता 2002 के मुख्य नियमों पर विशेष जोर दिया गया है। कोई भी नागरिक, गैर - सरकारी संगठन या शैक्षणिक संस्था राष्ट्रीय ध्वज को पूरे सम्मान के साथ किसी भी दिन फहरा सकता है। पहले केवल खादी से बने झंडे की अनुमति थी, लेकिन संशोधन के बाद अब हाथ से बुने हुए या मशीन से बने सूती, ऊनी, सिल्क या पॉलिएस्टर के झंडे भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। पहले केवल दिन में ही झंडा फहराने की अनुमति थी, लेकिन 2022 के संशोधन के अनुसार, अब इसे रात में भी फहराया जा सकता है। वहीं पर फटा, गंदा या क्षतिग्रस्त झंडा फहराने की अनुमति नहीं है। झंडे को किसी अन्य झंडे के साथ एक ही ध्वजदंड पर नहीं फहराया जा सकता।

राष्ट्रीयध्वज किसी भी वाहन (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल आदि को छोड़कर) पर नहीं लगाया जा सकता। किसी अन्य ध्वज या प्रतीक को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा या उसके बराबर नहीं रखा जा सकता। राष्ट्रीय पर्वों, सांस्कृतिक या खेल आयोजनों के बाद प्रयोग किए गए कागज़ के झंडों को सम्मानजनक तरीके से निस्तारित किया जाए, उन्हें फेंका या फाड़ा न जाए। मंडलायुक्त ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में विशेष जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को ध्वज संहिता के नियमों की जानकारी दें। साथ ही, मीडिया के माध्यम से जागरूकता फैलाने का भी आग्रह किया गया है ताकि लोग राष्ट्रध्वज का सम्मान करें और इसकी गरिमा को बनाए रखें।



Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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