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Gonda News: पारिवारिक पेंशन प्रकरण में लापरवाही पर डीएम नेहा शर्मा ने दिखाई सख्ती, कड़ी कार्रवाई के निर्देश

Gonda News: स्वर्गीय रामयश मौर्य के दत्तक पुत्र अनूप कुमार को पारिवारिक पेंशन न मिलने के मामले में डीएम नेहा शर्मा ने सख्त रुख अपनाते हुए वित्त एवं लेखाधिकारी कामेश्वर प्रसाद की "परिनिन्दा" कर दी है।

Vishal Singh
Published on: 4 Feb 2025 10:11 PM IST
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पारिवारिक पेंशन प्रकरण में लापरवाही पर डीएम नेहा शर्मा ने दिखाई सख्ती (Photo- Social Media)

Gonda News: गोंडा जिला प्रशासन की सख्ती के चलते वित्त एवं लेखाधिकारी, जिला पंचायत की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। स्वर्गीय रामयश मौर्य के दत्तक पुत्र अनूप कुमार को पारिवारिक पेंशन न मिलने के मामले में डीएम नेहा शर्मा ने सख्त रुख अपनाते हुए वित्त एवं लेखाधिकारी कामेश्वर प्रसाद की "परिनिन्दा" कर दी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि संबंधित अधिकारी द्वारा की गई गलती को सुधारते हुए एक सप्ताह के भीतर संशोधित प्रस्ताव सक्षम स्तर पर भेजा जाए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत रहे स्व. रामयश मौर्य के दत्तक पुत्र अनूप कुमार ने पारिवारिक पेंशन के लिए आवेदन किया था। इस पर वित्त एवं लेखाधिकारी, जिला पंचायत गोंडा ने टिप्पणी देते हुए गोदनामा विलेख की पंजीकरण तिथि को संदेहास्पद बताया और क्लेम को अस्वीकार करने की संस्तुति कर दी। लेकिन जब डीएम नेहा शर्मा ने इस प्रकरण की जांच कराई, तो वित्त एवं लेखाधिकारी की गंभीर लापरवाही सामने आई।

वित्त एवं लेखाधिकारी की लापरवाही उजागर

डीएम के निर्देश पर जब उप निबंधक, तरबगंज के कार्यालय से जांच कराई गई, तो स्पष्ट हुआ कि गोदनामा 17 अगस्त 1999 को पंजीकृत हुआ था, जबकि स्व. रामयश मौर्य का निधन 20 सितंबर 1999 को हुआ था। इसके बावजूद वित्त एवं लेखाधिकारी ने बिना तथ्यों की पुष्टि किए गलत टिप्पणी देते हुए गोदनामा की पंजीकरण तिथि 20 जुलाई 2000 बताकर उसे संदेहास्पद घोषित कर दिया।

डीएम की सख्ती, वित्त एवं लेखाधिकारी की "परिनिन्दा"

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने वित्त एवं लेखाधिकारी की कार्यशैली पर सवाल उठाए और इसे प्रथमदृष्टया गंभीर लापरवाही करार दिया। उन्होंने कहा कि गलत तथ्यों के आधार पर निर्णय लेना प्रशासनिक कर्तव्यों के प्रति लापरवाही दर्शाता है। इसके चलते कामेश्वर प्रसाद की "परिनिन्दा" की गई है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की त्रुटियां दोबारा न हों।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आदेश

डीएम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे प्रकरण का स्वयं परीक्षण करें और पारिवारिक पेंशन का संशोधित प्रस्ताव सक्षम स्तर पर भेजना सुनिश्चित करें साथ ही, एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। डीएम नेहा शर्मा की इस सख्ती से स्पष्ट हो गया है कि प्रशासनिक लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि "कोई भी अधिकारी मनमाने तरीके से जनहित के मामलों को प्रभावित करेगा, तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।" इस फैसले से पारिवारिक पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे अनूप कुमार को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है और यह प्रशासनिक अधिकारियों के लिए सख्त चेतावनी भी है कि वे बिना तथ्यों की जांच किए किसी भी प्रकार की अनुचित टिप्पणी न करें।



Shashi kant gautam

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