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Gonda News : '10 लाख रुपए पड़ेगा, लेना हो तो लो...', दुकान आवंटन में अनियमितता का आरोप, आयुक्त ने दिए जांच के आदेश
Gonda News : दुकानदारों ने मंडलायुक्त से दुकान आवंटन प्रक्रिया को निरस्त कर नये सिरे से किसी सक्षम अधिकारी के देख-रेख में खुली बैठक आयोजित कराने और पुराने किरायेदारों को दुकान आवंटित करने की मांग की है।
Gonda News : उत्तर प्रदेश में गोंडा के नगर पालिका परिषद करनैलगंज द्वारा निर्मित कराई गई दुकानों के आवंटन प्रक्रिया पर दुकानदारों ने सवाल उठाया है। दुकानदारों ने चेयरमैन प्रतिनिधि व तत्कालीन ईओ पर गंभीर अनियमितता और अवैध वसूली का आरोप लगाया है। उन्होंने देवीपाटन मंडल के मंडलायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर दुकान आवंटन प्रक्रिया को निरस्त कर नए सिरे से किसी सक्षम अधिकारी की देख-रेख में खुली बैठक कराने और पुराने किरायेदारों को दुकान आवंटित करने की मांग की है।
नगर पालिका परिषद करनैलगंज के निवासी मो. अहमद पुत्र अब्दुल हमीद (दुकान नंबर - 4), इशरत अली पुत्र असरफ अली (दुकान नंबर-5), मो. जाकिर पुत्र मो. नसीर (दुकान नंबर -7) ने मंडलायुक्त को प्रार्थना पत्र दिया है। इसमें कहा है कि करनैलगंज नगर पालिका के फजल अली मार्केट में दुकान नंबर - 4,5,7 में वह लगभग 20 वर्ष से किरायेदार हैं और उसी से अपने परिवार का जीविकोपार्जन कर रहे हैं। कुछ माह पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि रामजी लाल व तत्कालीन ईओ धनुषधारी सिंह हम लोगों की दुकान पर आए और कहा कि मार्केट को नए सिरे से बनवाना है, तुम लोग दुकान खाली कर दो।
सादे कागज पर बनवाए गए हस्ताक्षर
आगे कहा कि अभी दुकान सही है और जर्जर नहीं है। अभी बनवाने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन वे नहीं माने और कहा कि आप लोग पुराने किरायेदार हैं। दुकान बनने के बाद आप लोगों को दिया जाएगा। उन लोगों को नगर पालिका बुलाया गया, जहां पर अध्यक्ष के कमरे में चेयरमैन प्रतिनिधि रामजी लाल ने एक सादे कागज पर सबसे अलग-अलग हस्ताक्षर बनवाया। जब लोगों ने पूछा कि इस पर कुछ लिखा क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि नये दुकान का फार्मेट इसी पर छपेगा। पीड़ित दुकानदारों ने हस्तक्षेप किया और 1000 रुपए आधार कार्ड की छायाप्रति व फोटो दी।
पीड़ित दुकानदारों से दुकान खाली करा ली गई। जब दुकान बनकर तैयार हुई तो चेयरमेन प्रतिनिधि ने कहा कि 6,20,000 रुपए (छह लाख बीस हजार रुपए) लाओ तब दुकान मिलेगी। पीड़ित दुकानदारों ने जब पैसे देने में असमर्थता जतायी तो नगर पालिका बुलाया और कहा कि अब 10 लाख रुपए पड़ेगा, लेना हो तो लो वर्ना दुकान खाली नहीं है और रसीद 3 लाख व 4 लाख की देंगे। पीड़ितों ने कहा कि जो अधिक पैसा दे रहा है, उसको दुकान का आवंटन किया जा रहा हैं और वह लोग नगर पालिका के चक्कर लगाने को विवश हैं, लेकिन दुकान नहीं दी जा रही है। जिससे उन लोगों का परिवार भुखमरी की कगार पर है।
एडीएम को सौंपी जांच
पीड़ित दुकानदारों ने उक्त दुकान आवंटन प्रक्रिया को निरस्त कराते हुए निष्पक्ष व नये सिरे से किसी सक्षम अधिकारी की देख-रेख में खुली बैठक कराते हुए दुकान आवंटन की कार्यवाही कराकर पुराने किरायेदारों को दुकान आवंटित कराने की मांग की है, जिससे उन लोगों के परिवार का जीविकोपार्जन हो सके। दुकानदारों ने बताया कि मंडलायुक्त ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अपर जिलाधिकारी गोंडा को जांच सौंपी है।