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Gonda News: पहाड़पुर गौशाला की लापरवाही उजागर, ठंड में कांपते पशु और अधिकारियों की उदासीनता
Gonda News: गौशाला में पशुओं की देखभाल करने वाले कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पशु बेहद कमजोर और दुबले हो गए हैं। उनके शरीर की हड्डियां तक दिखाई दे रही हैं, जो कि उनकी अस्वस्थता का स्पष्ट संकेत है।
Gonda News: गोंडा जिले के कर्नलगंज तहसील क्षेत्र में स्थित पहाड़पुर गौशाला की स्थिति बहुत ही दयनीय है, जो प्रशासन के तमाम दावों और निर्देशों के बावजूद सुधारने का नाम नहीं ले रही है। देवीपाटन मंडल के आयुक्त ने नवंबर महीने में जिलाधिकारी को गौशालाओं की जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन उनके आदेश का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। पहाड़पुर गौशाला की स्थिति इस बात का सबूत है कि सरकारी दावे मात्र हवा-हवाई हैं।
गौशाला में ठंड से बचाव के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। यहां के पशु खुले आसमान के नीचे ठंड से कांपते हुए पाए गए। शेड के चारों ओर तिरपाल नहीं था, जो ठंड से बचाव के लिए लगाया जाता है। साथ ही, पशुओं के लिए स्वच्छ पानी और हरे चारे का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है। इस गौशाला में चारे के नाम पर केवल सूखा भूसा और पैरा पड़ा हुआ था, जबकि हरा चारा कहीं दिखाई नहीं पड़ा।
गौशाला में पशुओं की देखभाल करने वाले कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पशु बेहद कमजोर और दुबले हो गए हैं। उनके शरीर की हड्डियां तक दिखाई दे रही हैं, जो कि उनकी अस्वस्थता का स्पष्ट संकेत है। गौशाला में कोई बिछावन नहीं था, जिससे पशु ठंड से बच सकें। शेड के चारों ओर कोई तिरपाल नहीं था और काऊ कोट या अलाव जलाने की व्यवस्था भी बिल्कुल नदारद थी। यह सब देखकर यही लगता है कि विभागीय अधिकारियों ने इन पशुओं को पूरी तरह से भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
गांव के लोग और स्थानीय प्रशासन भी इस मामले में पूरी तरह से उदासीन दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, ग्राम पंचायत पहाड़ापुर के सचिव विवेकानंद ने बताया कि ग्राम प्रधान से इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
सहायक खण्ड विकास अधिकारी राजेश कुमार वर्मा का कहना है कि सभी गौशालाओं में ठंड से बचाव के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। यदि कहीं कोई कमी मिलती है, तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन देखा यह जा रहा है कि विभागीय स्तर पर यह सारी बातें केवल कागजी कार्रवाई तक ही सीमित हैं। यह स्थिति केवल पहाड़ापुर गौशाला तक ही सीमित नहीं है। गोंडा जिले के हलधरमऊ विकासखंड में मैजापुर, भुलभुलिया, पतिसा, सेल्हरी सहित कुल पांच गौशालाएं संचालित हो रही हैं और सभी में यही हाल है।