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Gonda News : परेटा में नए ग्राम प्रधान की नियुक्ति को लेकर विवाद, सड़क दुर्घटना में हुई थी मौत

Gonda News: ग्राम पंचायत सदस्यों का कहना है कि मौजूदा प्रधान राधिका सामान्य वर्ग से है। उनकी नियुक्ति आरक्षण नीति के खिलाफ है। सदस्यों ने अपनी सहमति से किसी अनुसूचित जाति के सदस्य को प्रधान नियुक्त करने की मांग की है।

Vishal Singh
Published on: 13 Jan 2025 9:35 PM IST
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परेटा में नए ग्राम प्रधान की नियुक्ति को लेकर विवाद  (Photo: Social Media)

Gonda News: जिले के परसपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत परेटा में ग्राम प्रधान की नियुक्ति को लेकर विवाद हो गया है। बीते 26 नवंबर 2024 को अनुसूचित जाति की महिला ग्राम प्रधान पुष्पा देवी की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिससे ग्राम पंचायत का प्रधान पद खाली हो गया। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने परेटा ग्राम पंचायत में राधिका नाम के एक पुरूष को प्रधान नियुक्त कर दिया। प्रशासन द्वारा राधिका को प्रधान बनाए जाने पर ग्राम पंचायत के 11 सदस्यों ने विरोध जताया है। वह अपनी शिकायत और मांग लेकर कमिश्नर कार्यालय पहुंचे और अपनी लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

ग्राम पंचायत सदस्यों का कहना है कि मौजूदा प्रधान राधिका सामान्य वर्ग से है। उनकी नियुक्ति आरक्षण नीति के खिलाफ है। सदस्यों ने अपनी सहमति से किसी अनुसूचित जाति के सदस्य को प्रधान नियुक्त करने की मांग की है। सदस्यों का कहना है कि पेरटा ग्राम पंचायत का प्रधान पद अनुसूचित जाति महिला श्रेणी के लिए आरक्षित था। शिकायतकर्ता राजेंद्र गौतम और अन्य नौ सदस्यों ने आरोप लगाया है कि 27 दिसंबर 2024 को बिना किसी बैठक और बिना सदस्यों की सहमति के जिले के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आदेश पारित कर राधिका को प्रधान नियुक्त कर दिया गया। यह निर्णय ग्राम पंचायत के 11 सदस्यों में से किसी की सहमति के बिना लिया गया। सदस्यों का कहना है कि पूर्व प्रधान पुष्पा देवी जिनका निधन हो चुका है उनकी जगह किसी और को महिला प्रधान बनाया जाए तो आरक्षित सीट के अनुसार ही बनाया जाए।

पूर्व प्रधान पुष्पा देवी की मृत्यु के बाद ग्रामीणों को उम्मीद थी कि प्रशासन उनकी पंचायत के लिए उचित और पारदर्शी निर्णय लेगा। लेकिन राधिका की नियुक्ति से ग्रामीणों और सदस्यों के बीच असंतोष बढ़ गया है। सदस्यों का कहना है कि इस नियुक्ति से आरक्षण नीति का उल्लंघन हुआ है। फिलहाल इस मामले की शिकायत अब एक बार फिर से लिखित रूप में की गई है। अब देखना होगा कि आरक्षण नीति को लेकर जो आरोप लगाए गए है या फिर उस नीति का उल्लंघन किया गया है, तो इस पर प्रशासनिक अधिकारी किस प्रकार का निर्णय लेते हुए की गई अनियमितता को सुधारते हैं और पूरे मामले में जो भी दोषी है उसके खिलाफ किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है।



Ragini Sinha

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