Gonda News: गोंडा में छुट्टा पशुओं का आतंक, प्रशासन की लापरवाही से लोग हो रहे हैं दुर्घटना का शिकार

Gonda News: यूपी के गोंडा जनपद अन्तर्गत कर्नलगंज तहसील के कर्नलगंज नगर पालिका क्षेत्र में छुट्टा पशुओं का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।

Radheshyam Mishra
Published on: 13 April 2025 2:26 PM IST
Gonda News: गोंडा में छुट्टा पशुओं का आतंक, प्रशासन की लापरवाही से लोग हो रहे हैं दुर्घटना का शिकार
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Gonda News: यूपी के गोंडा जनपद अन्तर्गत कर्नलगंज तहसील के कर्नलगंज नगर पालिका क्षेत्र में छुट्टा पशुओं का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में क्षेत्र में बीती रात को एक बार फिर निराश्रित पशुओं का कहर देखने को मिला है,जब बस स्टॉप चौराहे पर दो राहगीरों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। स्थानीय लोगों ने किसी तरह सांड को हटाया और घायलों को एक निजी अस्पताल पहुंचाया जहां उनका इलाज किया गया। यह घटना न केवल प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु किस प्रकार से लोगों की जान के दुश्मन बनते जा रहे हैं।

पहली घटना चकरौत गांव निवासी जिलेदार सिंह के साथ घटी,जो अपनी पत्नी का इलाज कराने करनैलगंज आए थे। बस स्टॉप के पास रामलीला मैदान में एक हिंसक पशु ने अचानक उन पर हमला कर दिया,जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं दूसरी घटना भी इसी स्थान के पास हुई, जहां एक अन्य राहगीर विष्णु प्रसाद मौर्य निवासी सारीपुरवा कर्नलगंज को छुट्टा पशु ने निशाना बनाया। दोनों घायलों को आसपास के लोगों ने आनन-फानन में एक प्राईवेट हास्पिटल में पहुंचाया गया जहां उनका इलाज किया गया। यह कोई पहली घटना नहीं है। करनैलगंज सहित जिले व देवी पाटन मंडल के विभिन्न इलाकों में आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसमें निराश्रित पशु राहगीरों को घायल कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि जिम्मेदार अधिकारी और स्थानीय प्रशासन इन घटनाओं से बेखबर हैं या फिर जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं। नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी फोन उठाती हैं और न ही एसडीएम से संपर्क हो पा रहा है। ऐसा लगता है जैसे पूरा प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। प्रदेश सरकार भले ही निराश्रित पशुओं की देखभाल और प्रबंधन के लिए तमाम योजनाएं चला रही हो,गौशालाएं संचालित कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। सड़कों पर घूमते ये पशु दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बन चुके हैं। प्रदेश के मंत्री या किसी वीआईपी के आने के दौरान सड़कों पर सफाई कर्मचारियों की विशेष ड्यूटी लगाकर छुट्टा पशुओं को कुछ घंटे के लिए सड़कों से हटा तो दिया जाता है फिर उक्त पशु सड़कों पर कब्जा कर लेते हैं। परंतु इसके बावजूद सड़कों से निराश्रित पशुओं को हटाने में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर इन बेकाबू पशुओं की जिम्मेदारी कौन लेगा? कितने और लोगों की जान जाएगी तब जाकर प्रशासन जागेगा? यह एक गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार को चाहिए कि वह न सिर्फ योजनाएं बनाए, बल्कि उनका सख्ती से क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करे, ताकि आमजन सुरक्षित रह सकें। बता दें कि यह कोई पहली घटना नहीं है। कस्बे सहित जिले के विभिन्न इलाकों व आस-पास के ग्रामीण इलाकों में छुट्टा पशुओं की भरमार हो गई है। कभी सांड़, कभी गाय, तो कभी बछड़े सड़कों पर बेखौफ घूमते हैं। ये पशु न केवल राहगीरों के लिए खतरा बन गए हैं,बल्कि आए दिन सड़क दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। स्थानीय व्यापारियों और आम नागरिकों का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर पालिका से लेकर तहसील प्रशासन तक शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। नगर पालिका परिषद के अधिकारी और संबंधित जिम्मेदार फोन तक नहीं उठाते। इस लापरवाही से जनता में भारी नाराजगी है। योगी सरकार जहां एक ओर ‘सुव्यवस्थित गोशालाएं और जन सुरक्षा’ जैसे बड़े दावे कर रही है, वहीं कर्नलगंज की हकीकत इन दावों को झुठला रही है। जनता का कहना है कि सरकार की योजनाएं सिर्फ कागजों पर चल रही हैं, जबकि जमीन पर हालात बद से बदतर हैं। दुकानदारों का कहना है कि छुट्टा पशु न केवल ग्राहकों को डराते हैं,बल्कि कई बार दुकान में घुसकर सामान भी नुकसान पहुंचाते हैं। कई स्कूली बच्चों और बुजुर्गों पर भी इन पशुओं ने हमला किया है,लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही छुट्टा पशुओं की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उनकी मांग है कि नगर पालिका तत्काल इन पशुओं को पकड़कर सुरक्षित गोशालाओं में भेजे और नियमित निगरानी टीम की तैनाती करे,जिससे आम नागरिक भयमुक्त होकर अपने कामकाज कर सकें। फिलहाल घायल राहगीरों का इलाज चल रहा है और लोग जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।

Ragini Sinha

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