TRENDING TAGS :
Gonda News: लेखपाल की भ्रष्ट कार्यशैली से त्रस्त होकर पीड़ित ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार
Gonda News: पीड़ित व्यक्ति ने हल्का लेखपाल रमेश चन्द्र की भ्रष्ट कार्यशैली से त्रस्त होकर मुख्यमंत्री निजी खाते की भूमि पर अवैध पैमाइश व कब्जा रोके जाने तथा सरकारी मद से दस हजार रूपये दिलाये जाने की गुहार लगाई है।
Gonda News: जिले के तहसील कर्नलगंज में शासन के नियमों को दरकिनार कर कई वर्षों से जमे एक लेखपाल अपनी मनमानी व निरंकुश कार्यशैली के साथ ही अपने नित नये भ्रष्टाचार के कारनामों को लेकर काफी चर्चा में हैं। जिन पर शासन प्रशासन के सभी आदेश निर्देश बेअसर साबित हो रहे हैं और इससे शासन की छवि धूमिल हो रही है। ताजा मामला तहसील व कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र के मोहल्ला कुम्हरगढ़ी से जुड़ा है।
यहां के निवासी एक पीड़ित व्यक्ति ने हल्का लेखपाल रमेश चन्द्र की भ्रष्ट कार्यशैली से त्रस्त होकर मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग उत्तर प्रदेश, अध्यक्ष राजस्व परिषद, आयुक्त देवीपाटन मंडल गोण्डा को प्रार्थना पत्र भेजकर उसकी निजी खाते की भूमि पर अवैध पैमाइश व कब्जा रोके जाने तथा सरकारी मद से दस हजार रूपये दिलाये जाने की गुहार लगाई है, जिससे लेखपाल को देकर वह अपनी जमीन को बचा सके। मामले में हल्का लेखपाल रमेश चन्द्र पर विपक्षी से अनुचित लाभ लेकर बिना किसी सीमांकन वाद के उसके रकबे की पैमाइश करने का गंभीर आरोप है।
पीड़ित ऋषि कुमार पुत्र रामलखन निवासी मोहल्ला कुम्हरगढ़ी ने उच्चाधिकारियों को भेजे गए प्रार्थना पत्र में कहा है कि गाटा संख्या - 34मि0/0.4970 हेक्टेयर स्थित कुम्हरगढ़ी, परगना - ग्वारिच तहसील करनैलगंज, जनपद गोण्डा का सहखातेदार है तथा अपने अंश पर काबिज दाखिल है। विपक्षी हसीना पत्नी जमील, निवासी ग्राम उपरोक्त हल्का लेखपाल रमेश चन्द्र को अनुचित लाभ देकर बिना किसी सीमांकन वाद के उसके रकबे की पैमाइश हल्का लेखपाल द्वारा कर दिया गया है तथा विपक्षी हसीना के गाटा संख्या को प्रार्थी के गाटा संख्या 34 मि० में निकाल दिया गया है। पीड़ित द्वारा जब हल्का लेखपाल रमेश चन्द्र से कहा गया कि बिना हदबरारी बाद के तथा बिना विभाजन वाद निर्णीत हुए विपक्षी के हिस्से को नापकर आप अलग नहीं कर सकते हैं, तब लेखपाल रमेशचन्द्र ने कहा "मैं लेखपाल हूँ जो मुझे पैसा देता है उसका काम करता हूँ।
आप मुझे 10,000 रूपये दोगे तो आपका भी नाप कर अलग कर देंगे। ज्यादा कानून बताओगे तो मुकदमा लिखा देंगे, हम जाति के हरिजन हैं। एस०सी०/एस०टी० एक्ट भी लिखवा देंगे। वर्तमान समय में सरकार सरकारी कर्मचारियों की ही सुन रही है। मैंने जो पैमाइश कर दिया है उसके नजदीक मत जाना।"
पीड़ित गरीब व्यक्ति है तथा सरकारी मद से उसको रूपया दिलाया जाना नितान्त आवश्यक है, जिससे उस पैसे को वह हल्का लेखपाल रमेश चन्द्र को देकर अपनी भूमि बचा सके तथा फर्जी मुकदमें से बच सके। पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से उसकी निजी खाते की भूमि पर अवैध पैमाइश व अवैध कब्जा रोके जाने तथा सरकारी मद से दस हजार रूपये दिलाये जाने की मांग की है, जिससे हल्का लेखपाल रमेश चन्द्र को देकर वह अपनी जमीन को बचा सके। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन व अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई कब तक जाती है? इस संबंध में उपजिलाधिकारी से वार्ता करने के लिए सीयूजी नंबर पर संपर्क किया गया तो उनका फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर था।