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Good Friday 2022: दुःखों से भरा त्योहार है गुड फ्राइडे, कैथेड्रल चर्च में निकला क्रूस का रास्ता

Lucknow: लखनऊ के हज़रतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च में 'गुड फ्राइडे' के मौके पर देखने को मिला। बता दें कि आज ही के दिन ईसा मसीह ने अपने प्राणों का त्याग किया था।

Shashwat Mishra
Published on: 15 April 2022 12:46 PM GMT
Lucknow News in Hindi
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गुड फ्राइडे पर कैथेड्रल चर्च में क्रॉस का पथ। 

Lucknow: "बोझ सबके गुनाहों का वह उठाकर लिए जा रहा है, क्या खता थी हमारे मसीह की, जालिमों ने जो उनको सजा दी, ठोंक दी उनके हाथों में कीलें, फिर भी यीशु ने उनको क्षमा दी।" यह प्रार्थना गीत मसीही समाज के लोग नम आंखों से उस वक़्त गाते जा रहे थे, जब यीशु का क्रूस रास्ता निकाला जा रहा था। ये दृश्य राजधानी के हज़रतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च (Cathedral Church at Hazratganj) में 'गुड़ फ्राइडे' के मौके पर देखने को मिला। बता दें कि आज ही के दिन ईसा मसीह ने अपने प्राणों का त्याग किया था।

क्या बोले धर्म के जानकार

मसीही समाज (Christian Society) के लोगों का कहना है कि आज ही के दिन प्रभु यीशु को क्रूस पर लटका दिया गया था। लेकिन, मरते-मरते भी उन्होंने उन लोगों को माफ कर दिया था। जिन्होंने उन्हें सताया था। वहीं, कैथेड्रल चर्च (Cathedral Church at Hazratganj) के पादरी ने बताया कि गुड फ्राइडे (Good Friday 2022) का त्योहार दुःखों से भरा होता है। इसके बावजूद, इसे गुड फ्राइडे कहते हैं। इसमें गुड यह है कि जो दुःख, मानव जाति को उठाना था, उसे प्रभु यीशु मसीह ने स्वयं उठा लिया।


तीन दिन बाद होगा ईस्टर

गौरतलब है कि गुड़ फ्राइडे (Good Friday) के तीसरे दिन यानी रविवार को ईस्टर-डे मनाया जाता है। क्योंकि, शुक्रवार को प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था। जबकि, रविवार को वो दोबारा उठे थे। ईस्टर के दिन मसीही समाज के लोग एक संग खड़े होकर, विश्व की शांति हेतु प्रार्थना करते हैं।


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Deepak Kumar

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