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90 निरक्षर बंदियों को जेल प्रशासन दे रहा है शिक्षा, कंप्यूटर सीख रहे हैं कैदी
गोरखपुर: गोरखपुर जेल प्रशासन ने एक अच्छी पहल की है। निरक्षर बंदियों को साक्षर बनाने के लिए परिसर में एक पाठशाला खोली गई है। परिसर में अलग-अलग स्थानों पर 90 पुरुष व महिला बंदियों को पढ़ाने का काम किया जा रहा है।
यह स्कूल सप्ताह के हर दिन चलता है। इसकी मॉनिटरिंग स्वयं जेल के अधीक्षक डॉ रामधनी करते हैं। बंदियों को साक्षर बनाने के साथ उन्हें देश-दुनिया के ताजा हालात की भी जानकारी दी जाती है।
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सुबह 8:30 बजे से 9:30 बजे तक चलने वाली पाठशाला में आने वाले कैदी साक्षर होने के लिए गुस्सा भी दिखा रहे हैं। उनके उत्साह को देख जेल प्रशासन सहयोग कर रहा है। स्वयंसेवी संस्था ने सभी को कॉपी किताब उपलब्ध कराई है। जेल में गोरखपुर के अलावा देवरिया कुशीनगर महाराजगंज बस्ती के अलावा आजमगढ़ बलिया मऊ समेत दर्जनों जिलों के बंदी हैं। यह प्रदेश की पांच संवेदनशील जिलों में शामिल है।
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कंप्यूटर सीख रहे हैं 20 कैदी: जेल प्रशासन 20 कैदियों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिला रहा है। इन्हें कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के साथ ही हिंदी और अंग्रेजी में टाइप करना सिखाया जा रहा है। रोज सुबह यह लोग एक घंटा अभ्यास करते हैं। जेलर राम कुबेर सिंह ने बताया कि कई और बंदियों ने भी कंप्यूटर सीखने की इच्छा जाहिर की है।
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उन्होंने बताया कि सर्वे कराकर 90 निरीक्षण बंदियों का चयन किया गया, जिसमें 10 महिलाएं शामिल हैं। स्वयं सेवी संस्था की मदद से इन्हें साक्षर किया जा रहा है, जिसे लेकर बंदी खासे उत्साहित हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य:
-निरीक्षण बंदियों को पढ़ने-लिखने व सीखने का अवसर देना,
-परिवार तथा समाज के प्रति दायित्व का बोध कराना,
-आत्मविश्वास का बोध कराना,
-समय के सही सदुपयोग करने की जानकारी देना,
-आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरणा देना,
-पठन-पाठन का सकारात्मक माहौल बनाना।