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अमर सिंह बोले- शिवपाल के विद्रोह से मेरा कोई लेना-देना नहीं
गोरखपुर: गोरखपुर के सेंटएंड्रयूज डिग्री कालेज में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे अमर सिंह मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मोदी की जम कर तारीफ की। और कहा कथनी और करने में अगर किसी ने कोई भेद नहीं किया तो वो नरेंद्र मोदी अमर सिंह के आत्मकथा पर पूछे गए सवाल पर अमर सिंह ने कहा कि चुनाव वाले आत्मकथा नहीं है हां लेकिन हमारी याद में कथा मैं इस समय पर निर्भर है।
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चुनाव में शंकराचार्य के किरदार में रहने पर पूछे गए सवाल पर अमर सिंह ने कहा कि देखिए जैसा कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान जिनके साथ मैं रहा उन्होंने मुझे फल दिया दो बार मुझे निकाला और हमारी बेटी के लिए उनके दल के आजम खान ने कहा इनको तेजाब से नहला कर कल आना चाहिए और पत्नी को कहा यहीं तक नहीं रुके।
इनके जैसे लोग यानी हिंदू धर्म के लोग उसके बाद मैंने निर्णय लिया धर्मनिरपेक्षता में आजम खान जैसे लोगों का संरक्षण है तो हम संप्रदायिक धोखा खा रहे है। हम ठोकर खाकर सीखे है। और अपने अनुभव से साम्प्रदायिकता क्या है, धर्मनिरपेक्षता क्या है। उसे बहुत नजदीक से हमने देखा है। और आत्मकथा हमारी राजनीति प्रयोग नहीं है। जीवन के अनुभव का आकलन है इसे हम आराम से लिखेंगे।
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बीजेपी को समर्थन देने सवाल पर अमर सिंह ने कहा। कि समर्थन तो हम निश्चित रूप से करेंगे। अगर केशव मोर्या जैसे साथी। अगर मुझे सिपाही बना रहे है। तो हिंदुस्तान ने एक सौ पच्चीस करोड़ लोग अगर मोदी जी का समर्थन कर रहे है तो सारे के सारे बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ता नहीं है।
मेरा कोई राजनैतिक स्वार्थ नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्वार्थ है आज के दिन राष्ट में जिस तरह मोदी जी का अल्पसंख्यकों को लेकर आचरण है। मैं हर मुसलमान को ग़लत नहीं मानता। मैं कलाम साहब को गलत नहीं मानता। असफाक अब्दुल्ला खान को ग़लत नहीं मानता। हवलदार अब्दुल हमीद को गलत नहीं मानता। मै मानता हूं ये कोई जाती नहीं सभ्यता है। हिन्दुस्तान देश है हिंदी हमारी भाषा है। मुसलमान की भाई बहने भी हमारी बहन भाई है। जो हिन्दुस्तान की संस्कृति को मानते है।
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शिवपाल द्वारा अलग पार्टी बनाने पर अमर सिंह ने कहा कि मेरा उनसे बड़ा स्नेह संबंध रहा है। मै मात्र इसलिए खुलेआम उनके साथ नहीं जा रहा हूं। कि बिना रहे ये आरोप लगता है। कि शिवपाल को मै चला रहा हूं। ये शिवपाल का अपमान है। उनके बाहु में बल है। ये उनके पार्टी के संगठन की चीज है। उनके विद्रोह से मेरा कोई लेना देना नहीं है। क्योंकि वो बीजेपी के विचार धारा से सहमत नहीं है।
हम भी बीजेपी से ज्यादा बीजेपी नेतृत्व और व्यक्तित्व से प्रभावित है। आज के परिवेश में अभी इंदौर में हमारे राष्टवादी मुसलमानों के बीच भी गए थे। इसलिए मुझे लगता है। कि आज के परिवेश में कथनी और करनी में भेद नहीं रखने वाले जो नेता है। उनका नाम नरेंद्र मोदी है।