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Gorakhpur Cinema Hall: अनलाॅक के बाद भी गोरखपुर के मल्टीप्लेक्स में नहीं देख सकेंगे फिल्म, यह है वजह

Gorakhpur Cinema Hall List: कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच सर्वाधिक नुकसान में मल्टीप्लेक्स दिख रहे हैं। पिछले 15 महीने में आधे से अधिक समय तक मल्टीप्लेक्स बंद रहे हैं।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Shivani
Published on: 5 July 2021 9:15 AM IST
Gorakhpur Cinema hall
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गोरखपुर मल्टीप्लेक्स 

Gorakhpur Cinema Hall List : शासन ने भले ही मल्टीप्लेक्स (Multiplex) को खोलने का आदेश दे दिया है लेकिन नई फिल्म रिलीज (Movie Release) नहीं होने से संचालक अभी सुस्त दिख रहे हैं। सोमवार से प्रमुख मल्टीप्लेक्स में साफ-सफाई तो हुई लेकिन फिल्मों का प्रदर्शन नहीं हुआ। संचालकों का कहना है कि जबतक मुंबई नहीं खुलेगा तब फिल्मों का संचालन मुश्किल है। उधर, संकट में फंसे मल्टीप्लेक्स मालिकों ने सीएम योगी से मिलकर राहत की मांग की है।

कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के खतरों के बीच सर्वाधिक नुकसान में मल्टीप्लेक्स दिख रहे हैं। पिछले 15 महीने में आधे से अधिक समय तक मल्टीप्लेक्स बंद रहे हैं। पिछले वर्ष अक्तूबर में मल्टीप्लेक्स खुले भी थे तो नई फिल्मों के आभाव में खानापूर्ति ही हुई थी। मल्टीप्लेक्स सोमवार को खुल सकते हैं लेकिन संचालक फिल्में चलाने के लिए तैयार नहीं है। ओरियल और सिटी मॉल में आइनाक्स द्वारा फिल्मों का संचालन होता है।

क्यों नहीं हो रही फिल्म रिलीज (Movies Kyu Release Nahi Ho Rahi)

आइनाक्स के पुनीत गुप्ता का कहना है कि सोमवार से मल्टीप्लेक्स में फिल्में नहीं चलेंगी। सोमवार को सेनेटाइजेशन के साथ अन्य काम होंगे। अभी पांच से छह दिन लग सकते हैं, फिल्मों के प्रदर्शन में। वहीं एडी मॉल में मल्टीप्लेक्स के प्रमुख नीरज दास का कहना है कि नई फिल्में जबतक रिलीज नहीं होंगी, तब तक मल्टीप्लेक्स शुरू करने का कोई मतलब नहीं है। मुंबई जब तक पूरी तरह ओपेन नहीं होगा नई फिल्मों की रिलीज की संभावना नहीं है।

कोरोना ने दिया 6 करोड़ का झटका

गोरखपुर में चार मल्टीप्लेक्स और चार सिंगल स्क्रीन सिनेमा घर है। इनके संचालकों को कोरोना काल की बंदी में करीब 6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गोरखपुर के संचालकों में लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी दिक्कतों के बाबत पत्रक सौंपा है। एडी मॉल के नीरज दास का कहना है कि सरकार की तरफ से मल्टीप्लेक्स संचालकों को कोई मदद नहीं की गई है। उन्होंने बिजली का बिल, हाउस टैक्स के रूप में लाखों रुपये अदा करना पड़ रहा है। वहीं सैकड़ों कर्मचारियों को वेतन का भुगतान भी करना पड़ रहा है।


Shivani

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