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गीता प्रेस वाले राधेश्याम खेमका नहीं रहे, कल्याण पत्रिका का अंत तक किया संपादन
गीता प्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका का निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे रहे थे।
गोरखपुर। गीता प्रेस की मासिक पत्रिका 'कल्याण' के सम्पादक एवं ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका का शनिवार को दोपहर में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे खेमका धर्म व संस्कार की लोगों के सीख और समझ विकसित करने के लिए अंतिम सांस तक कल्याण पत्रिका का संपादन करते रहे। काशी के केदारघाट पर उन्हें अंतिम सांसे लीं। यहीं उनकी इच्छा भी थी। रात आठ बजे काशी में गंगा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
गीता प्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका का निधन
उनके निधन से गीता प्रेस समेत धर्म-कर्म से जुड़े क्षेत्र के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है। देश के विभिन्न शहरों और दुनिया भर में फैले गीता प्रेस की पुस्तकों के कद्रदान सोशल मीडिया पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। गीता प्रेस में दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस अवसर पर ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल, माधव प्रसाद जालान, डॉ. लालमणि तिवारी समेत गीता प्रेस के सभी कर्मयोगियों उपस्थित रहे। राधेश्याम खेमका अपने पीछे पुत्र राजाराम खेमका, पुत्री राज राजेश्वरी, भतीजों गोपाल खेमका, कृष्ण कुमार खेमका व गणेश कुमार खेमका समेत भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। राधेश्याम खेमका बचपन से ही धार्मिक विचार के थे। बचपन से ही वे अपने पिता के साथ माघ मेले में काशी में पूरे एक महीने का कल्पवास रखते थे। पिछले कई दशकों से वे सिर्फ गंगा जल ही पीते थे। कहीं यात्रा में भी जाना हुआ तो वे आवश्यकतानुसार गंगाजल लेकर ही चलते थे। वे धर्म सम्राट स्वामी कृपात्री महाराज के कृपा पात्र थे।