TRENDING TAGS :
Gorakhpur: अब स्टेट बैंक के ब्याज दर से उद्यमियों से किस्त वसूलेगा गीडा, 300 से अधिक उद्यमियों के लिए यह होगी नई दरें
Gorakhpur News: गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के आवंटियों को अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी ब्याज दर पर किस्त की रकम वर्तमान सत्र में 9 फीसदी होगी। देरी होने पर जुर्माने को शामिल कर ब्याज दर 12 प्रतिशत हो जाएगी।
Gorakhpur News: गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के आवंटियों को अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी ब्याज दर पर किस्त की रकम वर्तमान सत्र में 9 फीसदी होगी। देरी होने पर जुर्माने को शामिल कर ब्याज दर 12 प्रतिशत हो जाएगी। गीडा के 300 से अधिक उद्यमियों की किस्त में नये आदेश के बाद बदलाव होगा। वहीं जिन्हें आगे जमीन आवंटित होगी, उन्हें भी नये दर से ब्याज देना होगा। औद्योगिक विकास आयुक्त के निर्देश के बाद जारी नई व्यवस्था का चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज ने स्वागत किया है।
गीडा प्रशासन उद्यमियों को जो भू-खंड आवंटित करता है, उसपर वर्तमान में 8 फीसदी की दर से ब्याज लेता है। वहीं लेट होने पर ब्याज की रकम 12 फीसदी तक पहुंच जाती है। चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज की तरफ से मांग की जाती रही है कि गीडा का ब्याज दर भी स्टेट बैंक के आधार पर हो। जिसे देखते हुए औद्योगिक विकास आयुक्त की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है। बता दें कि गीडा स्थापना के शुरूआती दिनों में उद्यमियों को 12 से 16 % प्रतिशत तक ब्याज देना होता था।
बाद में उद्यमियों ने मांग की कि यूपिडा की तर्ज पर 10 और 14 % ही किस्त पर ब्याजा लिया जाए। कोरोना काल की दुश्वारियों को देखते हुए उद्यमियों को राहत दी गई थी। जिसके बाद किस्त पर ब्याज 8 फीसदी की दर से हो गया था। वहीं देरी होने पर 12 % की दर से ब्याज की वसूली की जाती थी। चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष आरएन सिंह का कहना है कि स्टेट बैंक के फिक्स रेट को आधार बनाकर किस्त का ब्याज तय करना ठीक है।
इससे उद्यमियों को गीडा प्रशासन की मनमानी का शिकार नहीं होना होगा। गीडा सीईओ पवन अग्रवाल का कहना है कि आवंटित भू-खंडों पर अब किस्त का निर्धारण एसबीआई द्वारा तय ब्याज पर किया जाएगा। वर्तमान में एसबीआई के ब्याज दर को आधार बनाकर 9 फीसदी की दर से ब्याज लिया जाएगा। किस्त में देरी पर 12 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा। एसबीआई अगले साल पहली जनवारी को ब्याज दरों को रिवाइज करेगा। इसके बाद नई दरें गीडा जारी करेगा।
बिजली निगम की यह व्यवस्था
बिजली निगम फैक्ट्रियों को कनेक्शन देते समय 50 हजार से 15 लाख रुपये तक की सुरक्षा राशि जमा कराता है। पहले इस राशि पर ब्याज देने पर मनमानी थी। जो उद्यमी मांग करता था, उसका ब्याज समायोजित कर लिया जाता था। अन्य को झटका दे दिया जाता है। लेकिन पिछले पांच साल से बिजली निगम भी एसबीआई की दर से ही ब्याज उद्यमियों को अदा करता है।