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Gorakhpur Hatyakand: यूपी पुलिस पर 'दाग', गोरखपुर की पहली घटना नहीं, इस साल दर्ज हुए इतने केस?
Gorakhpur Hatyakand: गोरखपुर में व्यापारी की मौत मामले में 6 पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हो चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस साल यूपी पुलिस पर कितने और दाग लगे हैं।
Gorakhpur Hatyakand: गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता (Manish Gupta Hatyakand Kanpur) की पुलिस पिटाई से मौत के बाद योगी की पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क उठा है, विपक्ष भी इस घटना को लेकर सरकार पर हमलावर है, चुनावी माहौल के बीच हुई इस वाकये से वैकफुट पर आई योगी सरकार ने भी दोषी 6 पुलिसवालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते उन्हें निलंबित कर एसआईटी जांच के आदेश दिये हैं। लेकिन अभी तक व्यापारी की मौत के आरोपी पुलिसवालों की गिरफ्तारी नहीं होने से गोरखपुर पुलिस (Gorakhpur Police) सवालों के घेरे में है। वहीं होटल व्यवसायों में भी इस घटना के बाद खौफ दिखाई दे रहा है।होटल कारोबारियों ने सरकार से पुलिस उत्पीड़न पर शिकंजा कसने की मांग की है। क्या आप जानते हैं साल 2021 में यूपी पुलिस पर कितने हत्या के केस दर्ज किये गए हैं।
कोरोना से उबरे, पुलिस ढा रही कहर
कोरोना महामारी में सबसे ज्यादा प्रभावित कारोबार में होटल व्यवसाय भी शामिल है, कोविड की पहली मार से उबरे नहीं थे कि दूसरी लहर ने फिर व्यवसाय पर ताला लगा दिया, जिससे होटल मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं गोरखपुर में रुके व्यापारी मनीष गुप्ता की घटना के बाद गोरखपुर के होटल कारोबारियों में काफी गुस्सा और डर भी है। वह पुलिसिया उत्पीड़न को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। जाहिर है जिस थाना क्षेत्र या चौकी में होटल पड़ते हैं, वहां पर स्थानीय पुलिस का रुतबा चलता है,।.वह अपने सगे संबंधियों लेकर दोस्तों तक को होटलों फ्री रुकवाते हैं या फिर नाम मात्र का पैसा दिला देते हैं। पहले से ही प्रताड़ित होटल स्वामी इस घटना के बाद अब डरे हैं और इसके खिलाफ लामबंद भी हो रहे हैं।
2021 में यूपी पुलिस पर 5 हत्या के केस दर्ज
गोरखपुर की घटना तो पहले पुलिसवालों ने दबाने की कोशिश की। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के निशान का खुलासा होने के बाद पुलिसवालों की बोलती बंद हो गई। गोरखपुर में व्यापारी की मौत मामले में 6 पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हो चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं इस साल यूपी पुलिस पर कितने और दाग लगे हैं।
फरवरी 2021 में जौनपुर में एक व्यक्ति की कथित तौर पर हिरासत में मौत के मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसी महीने CBI को जांच अपने हाथ में लेने के निर्देश दिए।
मार्च, 2021 में अंबेडकरनगर से SWAT टीम ने आजमगढ़ के जियाउद्दीन को कथित तौर पर हिरासत में लिया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई और SWAT प्रभारी समेत 8 पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगा।
मई , 2021 में उन्नाव के एक सब्जी विक्रेता को कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था।सब्जी विक्रेता का नाम फैसल हुसैन था। उसकी उम्र महज 18 साल थी। 21 मई को फैसल मृत पाया गया।.उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर में चोट बताया गया।
जून, 2021 में सुल्तानपुर जिले में नाबालिग का अपहरण करने के आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद कुड़वार के एसएचओ समेत 4 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया।
जुलाई , 2021 में संतकबीरनगर पुलिस ने एक 55 साल के बुजुर्ग को हिरासत में लिया था क्योंकि पुलिस उसके बेटे को पकड़ने के लिए दबाव बनाना चाहती थी, जो कथित तौर पर अपने गांव की ही एक लड़की के साथ भाग गया था। बुजुर्ग बहराइची के परिवार ने आरोप लगाया उनके साथ थाने में मारपीट की गई।जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो बहराइची को अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई।बाद में बखीरा थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया था।