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गोरखपुर महोत्सव का आगाज, 8 राज्यों के पारंपरिक नृत्य ने जीता सबका दिल

काफी समय से सुर्ख़ियों में रहे गोरखपुर महोत्सव का आगाज हो गया है। महोत्सव में राज्यपाल के न आने पर सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। बता दें कि खराब मौसम के कारण राज्यपाल राम नाईक और उपमुख्यमंत्री नही आ सके।

tiwarishalini
Published on: 11 Jan 2018 5:08 PM IST
गोरखपुर महोत्सव का आगाज, 8 राज्यों के पारंपरिक नृत्य ने जीता सबका दिल
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गोरखपुर: काफी समय से सुर्ख़ियों में रहे गोरखपुर महोत्सव का आगाज हो गया है। महोत्सव में राज्यपाल के न आने पर सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। बता दें कि खराब मौसम के कारण राज्यपाल राम नाईक और उपमुख्यमंत्री नही आ सके।

हर शुभ काम की तरह महोत्सव की भी शुरुआत गणेश वंदना से की गई। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दी। महोत्सव के पहले दिन होली के गीत पर नृत्य ने सबका मन मोह लिया। यहाँ देश के आठ राज्यो की पारम्परिक नृत्य की झांकी प्रस्तुत की गई।

ड्रोन कैमरे से हो रही निगरानी

- पुलिस प्रशासन द्वारा ड्रोन कैमरे से महोत्सव की निगरानी की जा रही है।

- गोरखपुर महोत्सव में हजारों की भीड़ होने के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं।

गोरखपुर महोत्सव में दिखा हाईकोर्ट के आदेश का उलंघन :

- व्यवसायिक क्षेत्र में स्पीकर की आवाज 65 डेसिबल और साइलेंट जोन में 55 डेसिबल से ऊपर नहीं होनी चाहिए। लेकिन गोरखपुर महोत्सव में स्पीकर की आवाज काफी ज़्यादा थी।

सपा के प्रदेश प्रवक्ता कीर्ति निधि पाण्डेय ने महोत्सव का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यहां बच्चे इंसेफ्लाइटिस से मर रहे हैं उनके परिवार को मुआवजा तक नहीं दिया गया, और महोत्सव पर करोड़ो रूपये योगी सरकार खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सरकार की तरफ से 33 लाख रुपये स्वीकृत किये थे, इसके बाद कल 1 करोड़ रुपये और रिलीज कर दिए गए हैं।

वही महोत्सव में मुख्यअतिथि रहे प्रदेश के सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में नाथ सम्प्रदाय का महत्व है। देश की दौलत सोना चांदी नही देश की धरती है।

गोरखपुर महोत्सव का समाजवादी पार्टी द्वारा विरोध किए जाने पर सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि गोरखपुर महोत्सव भारतीय संस्कृत लोक कला और सभ्यता का महोत्सव है। समाज को दिशा देने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि सैफई महोत्सव और गोरखपुर महोत्सव में जमीन आसमान का अंतर है। सैफई महोत्सव डिस्को कल्चर पर आधारित महोत्सव था। गोरखपुर महोत्सव भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर आधारित महोत्सव है।

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