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Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.36: गोरखपुर बिछिया रेलवे कालोनी की पार्षद शकुन मिश्रा, हमेशा 'साइकिल' के साथ रहीं, सेवा का फल दिया जनता ने
Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.36 Parshad: गोरखपुर नगर निगम के वार्ड संख्या 36 बिछिया रेलवे कालोनी की पार्षद शकुन मिश्रा ने बताया कि हमेशा ‘साइकिल’ के साथ रहीं, सेवा का फल जनता ने दिया है।
Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.36 Parshad: गोरखपुर नगर निगम का बिछिया रेलवे कालोनी वार्ड उन चुनिंदा वार्डों में शामिल है, जहां एक ही परिवार का सिक्का चल रहा है। परिवार इसके पीछे जनता की सेवा को वजह बताता है। जबसे नगर निगम का गठन हुआ, तबसे एक टर्म को छोड़ दे तो वार्ड के पार्षद पद का ताज इसी परिवार के सिर ही सजा है। इस बार वार्ड की पार्षद शकुन मिश्रा के पुत्र रिक्की मिश्रा दावेदारी कर रहे हैं। पार्षद को भरोसा है कि जनसेवा का आशीर्वाद एक बार फिर परिवार को मिलेगा।
समाजसेवी अरुण मिश्रा पहली बार 1989 से लेकर 1996 के कालखंड में वार्ड के पार्षद बने। 1996 में उनकी हत्या के बाद पत्नी शकुन मिश्रा ने उनकी विरासत को संभाला।2007 से 2012 के कार्यकाल को छोड़ दें तो शकुन मिश्रा 1996 से लगातार वार्ड की प्रतिनिधित्व कर रही हैं। वार्ड के बड़े हिस्से में रेलवे की कालोनियां हैं। जहां सफाई के साथ ही सड़क और नाली निर्माण का जिम्मा खुद रेलवे उठाता है। लेकिन मैत्रीपुरम के विकास का जिम्मा पार्षद के पास है। जिसे सपा की महिला पार्षद ने बखूबी निभाया है। शकुन मिश्रा कहती हैं कि 'विपक्ष का पार्षद होने के चलते नगर आयुक्त से लेकर महापौर ने वार्ड की उपेक्षा की, इसके बाद भी वार्ड की सभी प्रमुख सड़कें चकाचक हैं। मोहद्दीपुर-असुरन रोड से मैत्रीपुरम में जाने वाली सड़क का निर्माण संघर्षों का ही परिणाम है। इसके साथ पीएसी और बिछिया गांव की तरफ से जाने वाली सड़क का निर्माण बोर्ड फंड से कराया गया। जिससे बनने से 4 वार्डों के हजारों नागरिकों को लाभ मिल रहा है।' शकुन मिश्रा के तीनों बेटे सूरज मिश्रा, नीरज मिश्रा और रिक्की मिश्रा भी मां के सहयोग में बराबर खड़े रहते हैं। पिछले दस साल से मां के कामकाज में हाथ बंटाने वाले बेटे रिक्की मिश्रा खुद दावेदारी ठोक रहे हैं।
सामाजिक सरोकार में भागीदारी
शकुन मिश्रा पार्टी की गतिविधियों के साथ सामाजिक सरोकार में सक्रिय रहती हैं। कोरोना काल में उन्होंने जरुरतमंदों की खूब मदद की। पका खाना के साथ ही सूखा राशन भी जरुरतमंदों तक पहुंचाया गया। वार्ड की रेनू श्रीवास्तव कहती हैं कि रेलवे कालोनी होने के चलते पार्षद से खास अपेक्षा नहीं रही। लेकिन शकुन मिश्रा हर सुख-दुख में परिवार के सदस्य की तरह हमेशा खड़ी दिखीं। एक जनप्रतिनिधि से इससे अधिक अपेक्षा और क्या हो सकती है।
गोडधोईया नाले से बदल जाएगी वार्ड की सूरत
खजांची चौराहे से लेकर रामगढ़झील तक फैले गोड़धोईया नाले को गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रशासन ने 1500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना तैयार की है। इससे दो लाख से अधिक आबादी सीधे प्रभावित होगी।