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Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.9: बशारतपुर के पार्षद राजेश तिवारी, पहली बार जीते राजेश तिवारी ने पांच साल में करा दिये 25 करोड़ रूपये के विकास कार्य
Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.9: पहली बार भाजपा के टिकट पर जीते राजेश तिवारी ने पीएम नरेन्द्र मोदी के मंत्र 'सबका साथ-सबका विकास' का अनुसरण करते हुए वार्ड का सर्वागीण विकास कराया है।
Gorakhpur Nagar Nigam Ward No.9: असुरन से मेडिकल रोड पर स्थित बशारतपुर में मिली जुली आबादी रहती है। हिन्दू-मुस्लिम के साथ यहां बड़ी संख्या में ईसाई धर्म के लोग भी रहते हैं। पहली बार भाजपा के टिकट पर जीते राजेश तिवारी ने पीएम नरेन्द्र मोदी के मंत्र 'सबका साथ-सबका विकास' का अनुसरण करते हुए वार्ड का सर्वागीण विकास कराया है। 25 करोड़ रुपये से अधिक का विकास कार्य कराने वाले राजेश नगर निगम के इकलौते पार्षद हैं।
पिछले दिनों बशारतपुर में सड़क और नाली निर्माण के लिए 11 करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर निकला है। जिसका काम शुरू भी हो गया है। त्वरित विकास योजना से जीडीए 9.40 करोड़ रुपये का काम करा रहा है, तो नगर निगम भी सवा करोड़ रुपये से विकास कार्य करा रहा है। राजेश तिवारी बताते हैं कि वार्ड में कई इलाकों को पूर्व के पार्षदों ने उपेक्षित रखा था।
पूरे वार्ड का समान भाव से विकास कार्य कराने के इरादे से चुनाव जीता था, उसे चरितार्थ भी किया। अशोक नगर में कभी सड़क नाली का निर्माण नहीं हुआ था। इसके साथ ही जलभराव से प्रभावित विष्णु पुरम में सैंपवेल की क्षमता को बढ़ाया गया और करीब दो करोड़ रुपये से नाली और सड़क का निर्माण भी हुआ।
वार्ड के विनय श्रीवास्तव कहते हैं कि 'पहली बार लग रहा है कि हम लोग भी शहर के वाशिंदे हैं।' चर्च रोड की सड़क पिछले कुछ वर्षों तक मिट्टी की थी। पहली बार इस पर सीसी सड़क का निर्माण कराया गया। खटिक टोला में कभी विकास के कार्य नहीं हुए थे। लेकिन वहां की सड़कें चमक रही हैं।
पार्षद के प्रयास से वार्ड में 350 से अधिक पीएम आवास का निर्माण हो चुका है। कोरोना हो या फिर डेंगू का प्रकोप, पार्षद ने सक्रियता दिखाते हुए नागरिकों की मदद की। फागिंग और छिड़काव से वार्ड के लोगों को डेंगू से लड़ने में मिली है।
जलभराव को लेकर मुखर रहे पार्षद
विष्णुपुरम में जलभराव को राष्ट्रीय पार्टियों ने भी मुद्दा बनाया। लेकिन पार्षद ने विरोधी सुरों को दरकिनार करते हुए बेहतरी के लिए काम किया। असुरन से मेडिकल रोड के मानक के विपरीत बने नाले को लेकर सीएम से लेकर डीएम तक पहुंचाया। जिसका नतीजा हुआ कि पीडब्ल्यूडी को नाले की रिमाडलिंग करानी पड़ी।
इतना ही नहीं, पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने करीब 1800 करोड़ रुपये के गोड़धोईया नाले के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी। इससे बड़ी आबादी की जलभराव की समस्या दूर हो जाएगी।