TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Gorakhpur News: 20 फीसदी माल भाड़ा बढ़ाने के बाद भी 'रो' रहे ट्रांसपोर्टर

Gorakhpur News: डीजल की कीमतें 90 रुपये प्रति लीटर पहुंच रही है। इसे देखते हुए गुड्स ट्रांसपोर्टरों ने माल भाड़े में 20 फीसदी का इजाफा किया है। इसके बाद भी उनका खर्च नहीं निकल रहा है।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Shivani
Published on: 28 Jun 2021 10:39 AM IST
Gorakhpur News: 20 फीसदी माल भाड़ा बढ़ाने के बाद भी रो रहे ट्रांसपोर्टर
X

Gorakhpur News: डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी से ट्रैवल एजेंसियों से लेकर ट्रांसपोर्टरों की कमर टूट गई है। डीजल की कीमतों में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी के बाद ट्रांसपोर्टरों ने मुंबई, सूरत से लेकर नेपाल के भाल भाड़े में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी है, वहीं ट्रैवेल एजेंसियों ने प्रति किलोमीटर किराये में 3 रुपये की बढ़ोत्तरी कर दी है।

डीजल की कीमतें 90 रुपये प्रति लीटर पहुंच रही है। इसे देखते हुए गुड्स ट्रांसपोर्टरों ने माल भाड़े में 20 फीसदी का इजाफा किया है। इसके बाद भी उनका खर्च नहीं निकल रहा है। गुड्स ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन में मंडल अध्यक्ष धर्मेन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि 'डीजल की कीमतें में चंद महीने में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो गई है। ऐसे में सूरत, अहमदाबाद, मुंबई, गुवाहाटी और नेपाल के माल भाड़े में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी करनी पड़ी है। लेकिन इसके बाद भी नुकसान हो रहा है।' यूपी ट्रक आपरेटर एसोसिएशन के महामंत्री रवीन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि 'कोरोना संक्रमण की दुश्वारियों के बीच ट्रांसपोर्टरों को डीजल की महंगाई ने बर्बाद कर दिया है। बिल्डिंग मटेरियल की मांग नहीं होने से काफी घाटा हो रहा है। जब डीजल 65 रुपये लीटर था, तब गिट्टी और मौरंग बालू की जितनी कीमतें थीं, कमोवेश वही कीमतें वर्तमान में हैं।'

नेपाल बंदी ने तोड़ दी ट्रेवल एजेंसियों की कमर

गोरखपुर के ट्रैवेल एजेंसियों की कमाई का बढ़ा हिस्सा नेपाल से आता है। वहीं बौद्ध सर्किट भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। कोरोना काल की दुश्वारियों के बीच पर्यटन पर लगे ग्रहण से ट्रैवेल एजेंसियों की कमर टूट गई है। ट्रैवेल एजेंसी चलाने वाले अरविन्द तिवारी का कहना है कि 'तमाम लोग बीमा और आरटीओ का खर्चा नहीं निकाल पा रहे हैं। लोग औने पौने दाम पर गाड़ियों को बेच रहे हैं।' वहीं ट्रैवेल एजेंसी संचालित करने वाले राकेश राय का कहना है कि 'जब डीजल की कीमतें 65 रुपये प्रति लीटर थीं तो किराया 12 से 13 रुपये प्रति किलोमीटर था। अब 30 फीसदी बढ़ोत्तरी के बाद कीमतें 88 रुपये प्रति लीटर के पार हो गई हैं तो किराये में 2 से 3 रुपये प्रति किलोमीटर की बढ़ोत्तरी करनी पड़ी है।'

खर्च निकालना हो रहा मुश्किल
ट्रैवेल एजेंट बासुकी नाथ का कहना है कि 'मुश्किल से जूझ रहे पर्यटन से जुड़े लोग किसी प्रकार खर्चा निकाल रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में बीमा, आरटीओ का टैक्स, ड्राइवर का वेतन और खर्च सभी में बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन गाड़ियों के किराये में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी है। प्रतियोगिता और खर्च निकालने की मुश्किल में लोग किसी कीमत पर बुकिंग कर रहे हैं।' गाड़ी चलाने वाले संजय पटेल का कहना है कि 'डीजल की रोज बढ़ती कीमतों को देखते हुए टेंपो ट्रैवलर और लग्जरी बस की बुकिंग का दर डीजल की कीमतों को देखने के बाद की जाती है।'


\
Shivani

Shivani

Next Story