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Gorakhpur: वायरस पर होगा प्रहार, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और ICMR-RMRC में हुआ करार

Gorakhpur: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने ICMR-RMRCK के साथ हाथ मिलाया है। इस संबंध में दोनों संस्थानों के बीच गुरुवार को एमओयू का आदान प्रदान हुआ।

Purnima Srivastava
Published on: 30 Sep 2022 9:58 AM GMT
Gorakhpur News In Hindi
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महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और ICMR-RMRCK में हुआ MOU

Gorakhpur: पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी बिहार और नेपाल की तराई तक फैली विषाणु जनित बीमारियों पर समूल प्रहार के लिए दो ख्यातिलब्ध संस्थानों के बीच महत्वपूर्ण करार हुआ। वायरस से होने वाले रोगों के वास्तविक कारणों का पता लगाने तथा इन बीमारियों का निदान खोजने के लिए शोध, अनुसंधान को बढ़ावा देने को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (Gorakhnath University) ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian council of medical research) की क्षेत्रीय इकाई रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (Regional Unit Regional Medical Research Center) के साथ हाथ मिलाया है। इस संबंध में दोनों संस्थानों के बीच गुरुवार को एमओयू का आदान प्रदान हुआ। एमओयू पर रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ रजनीकांत और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी ने हस्ताक्षर किए।

इन बीमारियों ने अर्से तक इस समूचे क्षेत्र पर बीमारू का दाग चस्पा

पूर्वी उत्तर प्रदेश, नेपाल की तराई और पश्चिमी बिहार की करोडों की आबादी दशकों से विषाणु जनित रोगों से जूझती रही है। इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों ने अर्से तक इस समूचे क्षेत्र पर बीमारू का दाग चस्पा कर रखा था। हालांकि 2017 में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के मुख्यमंत्री बनने के बाद से किए गए समग्र सरकारी प्रयासों से इन बीमारियों का प्रभाव काफी हद तक नियंत्रण में है।

खासकर सर्वाधिक कहर बरपाने वाली इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों पर 95 फीसद से अधिक नियंत्रण पा लिया गया है। पर, सरकार की मंशा इन सभी बीमारियों के मूलोच्छेदन की है। इसी मंशा को अमलीजामा पहनाने के लिए सीएम योगी के प्रयासों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गोरखपुर में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की गोरखपुर में इकाई (रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर) स्थापित की है। इस सेंटर की स्थापना के बाद अब गंभीर बीमारियों के लिए मरीजों के नमूनों का परीक्षण और विश्लेषण अब गोरखपुर में ही होने लगा है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश की बीमारियों का मूल तलाशने को अपने स्तर पर अनुसंधान शुरू

उधर, अपनी स्थापना के एक साल के भीतर ही महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने भी पूर्वी उत्तर प्रदेश की बीमारियों का मूल तलाशने को अपने स्तर पर अनुसंधान शुरू कर दिया है। पिछले दिनों गुरु श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय में भर्ती मरीजों पर केस स्टडी करते हुए इस विश्वविद्यालय ने लेप्टोस्पायरोसिस नामक बीमारी का पता लगाया। आरमारसी के सहयोग से किए गए विश्वविद्यालय के अनुसंधान में पता चला था कि घातक बुखार के लक्षण वाली लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी चूहों के मूत्र से फैलती है। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के इस केस स्टडी की तारीफ एम्स, केजीएमयू लखनऊ ने भी की है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश की बीमारियों के जड़ पर चोट लगने की रफ्तार और तेज होगी: निदेशक

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की इस केस स्टडी का यह दायरा आईसीएमआर-आरएमआरसी के साथ हुए एमओयू से बड़े पैमाने पर शोध के रूप में और विस्तृत हो जाएगा। एमओयू के तहत दोनों संस्थान विषाणु जनित रोगों के मूल कारणों का पता लगाने, उनसे बचाव और बीमारी होने पर इलाज की दिशा में मिलकर अनुसंधान कार्य करेंगे। एमओयू के आदान प्रदान के अवसर पर आईसीएमआर-आरएमआरसी के निदेशक डॉ रजनीकांत ने कहा कि इस करार के होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश की बीमारियों के जड़ पर चोट लगने की रफ्तार और तेज होगी। इस आपसी समझौते से उच्च शिक्षा, रिसर्च, फैकल्टी के आदान प्रदान से दोनों संस्थाएं लाभान्वित होंगी। उच्च डिग्री, अनुसंधान, व्याख्यान, प्रशिक्षण और चर्चा के लिए संकाय छात्र,शोधकर्ता का आदान-प्रदान,अध्ययन क्षमता निर्माण कार्यक्रम, स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी थीसिस और शोध प्रबंधों के पर्यवेक्षण के लिए संकाय सदस्यों के बीच सहयोग, संयुक्त पाठ्यक्रमों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं, सम्मेलनों, संगोष्ठियों और वेबिनार का आयोजन, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में अनुसंधान और प्रकाशन, दोनों संस्थानों में संकाय सदस्यों शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों के बीच सहयोग आदि इस एमओयू का हिस्सा है।

लोक स्वास्थ्य समेत सभी सामाजिक सरोकारों को पूरी प्रतिबद्धता से निभाएगा: VC

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी ने कहा कि विश्वविद्यालय सिर्फ डिग्री बांटने का केंद्र नहीं बनेगा बल्कि लोक स्वास्थ्य समेत सभी सामाजिक सरोकारों को पूरी प्रतिबद्धता से निभाएगा। यह एमओयू उसी की कड़ी है।

ये रहे उपस्थित

एमओयू के आदान प्रदान के दौरान महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव, आरएमआरसी के वैज्ञानिक डॉ हिरावती देवल, डॉ महेंद्रा एम, डॉ गौरव राज द्विवेदी, डॉ अशोक पांडेय, डॉ राजीव सिंह, डॉ आयुष मिश्रा, डॉ बृजरंजन मिश्रा, डॉ उमैर आलम, डॉ रोहित बेनीवाल, डॉ नलिनी मिश्रा, डॉ एसपी बेहरा आदि मौजूद रहे।

Deepak Kumar

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