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Gorakhpur News: जूताकांड के बाद नहीं उबर सके शरद, थम गया 12 साल का राजनीतिक सफर

शरद त्रिपाठी का बुधवार की देर रात गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया।देवरिया के सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी के पुत्र शरद त्रिपाठी वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर संतकबीरनगर से सांसद बने थे।

Purnima Srivastava
Published on: 1 July 2021 9:02 AM IST
Sharad Tripathi died late on Wednesday night at Medanta Hospital in Gurugram.
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भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी: फोटो- सोशल मीडिया

Gorakhpur News: संतकबीरनगर के पूर्व सांसद और देवरिया से भाजपा सांसद डॉ.रमापति राम त्रिपाठी के पुत्र शरद त्रिपाठी का बुधवार की देर रात गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलने पर भाजपा के कई नेता और पूर्व सांसद के रिश्तेदार गुरुग्राम के लिए रवाना हो गए हैं। शरद पिछले वर्षों में अपने ही दल के विधायक राकेश सिंह को जूतों से पीटने के बाद सुर्खियों में आए थे। जूताकांड के बाद वह उबर नहीं सके। इसके साथ ही उनका 12 साल का राजनीतिक सफर थम गया।

देवरिया के सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी के पुत्र शरद त्रिपाठी वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर संतकबीरनगर से सांसद बने थे। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष हरिकेश राम त्रिपाठी के मुताबिक शरद त्रिपाठी को लीवर सिरोसिस बीमारी के कारण मेदांता में कुछ दिनों पूर्व भर्ती कराया गया था।

पिछले दो-तीन से उनकी हालात बिगड़ने पर सांसद डॉ.रमापति त्रिपाठी और पूरा परिवार गुरुग्राम चला गया था। जिला उपाध्यक्ष के मुताबिक बुधवार की रात 11 बजे शरद त्रिपाठी के निधन की सूचना यहां मिली। फिलहाल उनके गोरखपुर स्थित रीड साहब धर्मशाला स्थित आवास पर कोई परिवार का सदस्य नहीं है लेकिन उनके जानने वाले पहुँचते रहे।

थम गया 12 साल का राजनीतिक सफर

शरद त्रिपाठी 2009 के लोकसभा चुनाव में संतकबीरनगर से भाजपा उम्‍मीदवार रहे लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा। 2014 बसपा पार्टी के भीमशंकर उर्फ कुशल तिवारी को पराजित करने के बाद शरद त्रिपाठी 16 वीं लोक सभा के लिए चुने गए थे। 12 जून 2017 हाउस कमेटी के सदस्य नियुक्त हुए। 1 सितम्बर 2014 विदेश मामलों पर स्थायी समिति के सदस्य चुने गए। 1 सितम्बर 2014 ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज, पेयजल और स्वच्छता पर सलाहकार समिति के सदस्य चुने गए।

जूताकांड से सुर्खियों में आए थे

संतकबीरनगर के पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी के राजनीतिक कॅरियर के लिए 6 मार्च 2019 का दिन अहम था। जब उनके और मेंहदावल से भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच पत्‍थर पर नाम न लिखे होने को लेकर विकास योजनाओं की मीटिंग के दौरान प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन और डीएम की मौजूदगी में सरेआम जूता कांड हो गया। मामले की पंचायत पार्टी हाईकमान तक गई।

2019 के लोकसभा चुनाव में शरद का टिकट कट गया। संतकबीरनगर से उनकी जगह प्रवीण निषाद को उम्‍मीदवार बनाया गया। शरद त्रिपाठी, विधायक राकेश सिंह बघेल और कुछ अन्‍य लोगों के खिलाफ जूताकांड को लेकर कलेक्‍ट्रेट के सदर नाजिर सैयद नफीसउल हसन ने मुकदमा दर्ज कराया था।

मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी। पुलिस ने साक्ष्य के अभाव में मामले को खत्म करने की रिपोर्ट कोर्ट में दी थी जिसे विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए दीपकांत मणि ने अस्वीकार करते हुए अग्रिम विवेचना कराए जाने का आदेश दिया था। अग्रिम विवेचना में भी पुलिस द्वारा कोई साक्ष्य न पाए जाने पर न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट पुनः प्रेषित की गई।

विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए दीपकांत मणि ने पुलिस द्वारा दाखिल अंतिम रिपोर्ट को दूसरी बार भी अस्वीकार कर दिया था। लंबी जद्दोजहद के बाद का हाईकोर्ट ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए मामले को खत्म कर दिया था। वहीं दोनो नेताओं के विरुद्ध जारी वारंट भी निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के निर्णय से दोनों नेताओं को काफी राहत मिली थी।

बेटे की जगह पिता को देवरिया में मिला टिकट

पार्टी ने शरद का टिकट काटकर उनके पिता और 2007 से 2010 तक भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष रहे रमापति राम त्रिपाठी को देवरिया से चुनाव लड़ाया और वे जीते भी। लेकिन शरद इक्‍का-दुक्‍का कार्यक्रमों में नज़र आने के अलावा ज्‍यादातर समय अदृश्‍य ही रहे। कुछ समय बाद उनकी बीमारी की छिटपुट खबरें आने लगीं। कुछ महीने पता चला कि वे गंभीर रूप से बीमार हैं। बीच-बीच में अफवाहों का बाजार भी गर्म होता रहा लेकिन इस दौरान शरद त्रिपाठी की कहीं भी सक्रियता नज़र नहीं आई।



Shashi kant gautam

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