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Gorakhpur News: इंसेफलाइटिस से होने वाली मौतें अब शून्य की तरफ

Gorakhpur News Today: सीएम योगी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मासूमों की मौतें अब शून्य की तरफ हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 14 Sep 2022 12:01 PM GMT
Encephalitis deaths have now reduced in eastern Uttar Pradesh
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पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतें अब कम हुईं- सीएम योगी: Photo- Social Media

Gorakhpur News Today:अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस (Encephalitis in Eastern Uttar Pradesh) से होने वाली मासूमों की मौतों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 1977 से 2017 तक प्रतिवर्ष 1200 से 1500 बच्चे इस बीमारी के चलते दम तोड़ देते थे। 40 साल में 50 हजार मौतें हुईं। दम तोड़ने वाले बच्चे इसी समाज की धरोहर थे। 2017 के बाद से सरकार ने स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाकर,शासन-प्रशासन के साथ जनता के सहयोग से बीमारी का समाधान निकाला। इन सब का परिणाम यह है कि इंसेफलाइटिस से होने वाली मौतें अब शून्य की तरफ हैं।

पीएम के पंच प्रणों से जुड़कर भारत को बनाना है दुनिया की महाताकत

सीएम योगी ने कहा कि वर्तमान समय में अपना देश आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है। आजादी के शताब्दी वर्ष तक हमारा लक्ष्य भारत को विकसित एवं दुनिया की महाताकत बनाने का होना चाहिए। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम सभी को विगत स्वाधीनता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पंच प्रणों से जुड़ना होगा। हमें अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति करनी होगी। विकसित भारत बनाने के लिए अपने अपने कार्य क्षेत्र के कर्तव्यों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करना होगा। गुलामी के किसी भी अंग को स्वीकार नहीं करना होगा। हर भारतीय के मन में अभाव होना चाहिए कि अपना देश व धर्म सुरक्षित है। यह प्रसन्नता की बात है कि देश अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

ब्रह्मलीन महंतद्वय का व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रेरणादायी

अपनी दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्य स्मृति को नमन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रह्मलीन महंतद्वय का व्यक्तित्व एवं कृतित्व सदैव प्रेरणादायी है। श्रीराम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने के साथ ही उन्होंने गोरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के विभिन्न प्रकल्पों को प्रवाहमान बनाया।

सीएम योगी ही कराएंग मथुरा व काशी का पुनरुद्धार : शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती

श्रद्धांजलि समारोह में प्रयागराज से पधारे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जैसे अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बन रहा है, उन्हें पूरा विश्वास है कि मथुरा और काशी का पुनरुद्धार भी उन्हीं के नेतृत्व में होगा। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर और काशी में भगवान शिव के मंदिर का नवोत्थान शुरू हो तभी वह (वासुदेवानंद सरस्वती) अपने शरीर का परित्याग करें।

इस अवसर पर ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ से जुड़े अपने संस्मरण सुनाते हुए शंकराचार्य ने कहा कि महंत जी की सरलता, सहृदयता व सर्वजनप्रियता का बखान कर पाना मुश्किल है। कहा कि वर्ष 1991 में वह गोरखनाथ मंदिर आए थे। एक स्थान पर पूजा करते देख महंत अवेद्यनाथ ने उनसे विशिष्ट स्थान पर पूजा करने का अनुरोध किया। वासुदेवानंद जी द्वारा ठिठोली करते हुए यह कहने पर कि तब तो यहां की गद्दी भी मेरी हो जाएगी, महंत जी ने सहज ही कह दिया, महाराज यह तो आपकी ही है।

शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती के पूर्व वशिष्ठ आश्रम अयोध्या से आए पूर्व सांसद डॉ रामविलास वेदांती ने भी अपने संबोधन में कहा कि मथुरा व काशी में भव्य मंदिर का निर्माण भी योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते संभव होगा। उन्होंने योगी आदित्यनाथ को धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए महायोगी गोरखनाथ द्वारा भेजा गया दूत बताता। ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ का स्मरण करते हुए डॉ वेदांती ने कहा कि सभी संतों को एक मंच पर लाने का श्रेय ब्रह्मलीन महंत जी को ही है। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व उस समय स्वीकार किया जब कांग्रेस सरकार के डर से कोई इसके लिए तैयार नहीं हो रहा था।

इस अवसर पर अपने संबोधन में अलवर के सांसद और रोहतक के अस्थल बोहर पीठ के महंत बालकनाथ ने कहा कि गोरक्षपीठ रामराज्य स्थापना की संकल्प भूमि है और इस पीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय समूची मानवता के प्रेरणा पुंज। श्रद्धांजलि समारोह में दिगम्बर अखाड़ा (अयोध्या) के महंत सुरेश दास, बड़ौदा (गुजरात) से आए महंत गंगादास, कटक (ओडिशा) से आए महंत शिवनाथ व नागपुर, महाराष्ट्र से पधारे स्वामी जितेन्द्रनाथ ने भी विचार व्यक्त किए।

इसी क्रम में सांसद रविकिशन शुक्ल, राज्यसभा सदस्य डॉ राधामोहन दास अग्रवाल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, महापौर सीताराम जायसवाल, गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह, सहजनवा के विधायक प्रदीप शुक्ल, राज्य महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष श्रीमती अंजू चौधरी, व्यापार मंडल से सुरेंद्र सिंह मुन्ना, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल, सिंधी समाज से लक्ष्मण नारंग ने भी ब्रह्मलीन महंत द्वय के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

स्वागत संबोधन महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो उदय प्रताप सिंह तथा संचालन डॉ श्रीभगवान सिंह ने किया। श्रद्धांजलि समारोह का शुभारंभ ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के चित्रों पर पुष्पांजलि से हुआ। वैदिक मंगलाचरण डॉ रंगनाथ त्रिपाठी, गोरक्ष अष्टक का पाठ गौरव तिवारी व आदित्य पांडेय तथा महंत अवेद्यनाथ स्त्रोत का पाठ डॉ प्रांगेश मिश्र ने किया। सरस्वती वंदना एवं श्रद्धांजलि गीत की प्रस्तुति महाराणा प्रताप बालिका विद्यालय की छात्राओं ने की। इस अवसर पर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य, स्वामी विद्या चैतन्य, महंत नरहरिनाथ, महंत कमलनाथ, महंत लालनाथ, महंत देवनाथ, महंत राममिलन दास, महंत मिथलेश नाथ, महंत रविंद्रदास, योगी रामनाथ, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

Shashi kant gautam

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