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Gorakhpur: 108 नंबर एम्‍बुलेंस में गूंजी किलकारियां, जच्चा-बच्चा स्वस्थ

Gorakhpur: 108 नंबर गाड़ी में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने आशा कार्यकर्ता और घर की महिलाओं के सहयोग से एंबुलेंस में महिला के सुरक्षित प्रसव करवा गया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

Purnima Srivastava
Report Purnima SrivastavaPublished By Deepak Kumar
Published on: 15 April 2022 4:59 PM IST
woman gave birth to a child in 108 number ambulance
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108 नंबर एम्‍बुलेंस। (Social Media) 

Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एंबुलेंस व्यवस्था की तत्परता से पिपरौली ब्लॉक (Piprauli Block) के बाघागाड़ा के पास रहने वाली प्रसूता का सुरक्षित प्रसव संभव हो सका। आशा कार्यकर्ता ने प्रसव पीड़ा बढ़ने पर 102 नंबर एंबुलेंस को कॉल किया तो गाड़ी बिजी थी। ऐसे में सेवा का संचालन कर रही संस्था जीवीके-ईएमआरआई के कॉलिंग स्टॉफ ने नजदीकी 108 नंबर गाड़ी को भेज दिया। महिला को गाड़ी में ले जाया जा रहा था तभी प्रसव पीड़ा अधिक बढ़ गई और इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (emergency medical technician) ने आशा कार्यकर्ता और घर की महिलाओं के सहयोग से एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव करवा दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

प्रसूता गुड्डी (19) के पति धर्मेंद्र ने बताया कि यह उनका पहला बच्चा है। एक साल पहले शादी हुई है। बीते 13 अप्रैल की मध्यरात्रि जब गुड्डी को प्रसव पीड़ा हुई तो आशा कार्यकर्ता नीतू को फोन से सूचना दी गई। नीतू ने 102 नंबर एंबुलेंस को फोन किया। पंद्रह से बीस मिनट के भीतर 108 नंबर एंबुलेंस पहुंच गई। वाहन चालक बृजेश यादव और ईएमटी ऋषभ त्रिपाठी ने आशा की मदद से गर्भवती को गाड़ी में बैठाया। गाड़ी करीब सात किलोमीटर आगे गई होगी, तभी प्रसव पीड़ा बढ़ गई। एंबुलेंस के लोगों ने कहा कि अगर परिवार के लोग तैयार हों तो वह सुरक्षित प्रसव करवा सकते हैं। परिवार ने रजामंदी दी तो प्रसव कराया गया और फिर एंबुलेंस के जरिये भौवापार स्वास्थ्य उपकेंद्र (Bhaupar Health Sub Center) तक प्रसूता को पहुंचाया गया। वहां दाई की मदद से गर्भनाल आदि के निस्तारण के बाद सुबह जच्चा-बच्चा को डिस्चार्ज कर दिया गया। दोनों लोग स्वस्थ हैं।

ईएमटी ऋषभ त्रिपाठी (EMT Rishabh Tripathi) ने बताया कि 108 नंबर एंबुलेंस सेवा गंभीर तौर पर बीमार लोगों और आकस्मिक परिस्थिति में बीमारी या दुर्घटना के शिकार लोगों की मदद करती है। इस काम के प्रशिक्षण के अलावा उन्हें हैदराबाद में लेबर रूम का प्रशिक्षण भी दिया गया था। पिछले तीन सालों से वह 108 नंबर सेवा से जुड़े हैं लेकिन कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। पहली बार उन्होंने एंबुलेंस में प्रसव करवाया और प्रशिक्षण में मिली जानकारी का इस्तेमाल किया।

निजी वाहन के बजाए एम्बुलेंस को दें तरजीह

जीवीके ईएमआरआई संस्था (GVK EMRI Institution) के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण द्विवेदी (District Program Manager Praveen Dwivedi) ने बताया कि 102 और 108 नंबर सेवा निःशुल्क है। लोग सीधे इन नंबर पर कॉल कर मदद ले सकते हैं । 102 नंबर सेवा गर्भवती, प्रसूता और नवजात स्वास्थ्य सेवा के लिए समर्पित है,जबकि 108 नंबर सेवा गंभीर बीमारियों, आकस्मिकता और दुर्घटना के लिए है। दोनों एंबुलेंस से शव ले जाने की सुविधा नहीं दी जाती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग अलग से शव वाहन उपलब्ध कराता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आशुतोष कुमार दुबे (Chief Medical Officer Dr.Ashutosh Kumar Dubey) का कहना है कि प्रसव पीड़ा उठने पर समय रहते 102 नंबर को फोन किया जाना चाहिए। निजी साधन से गर्भवती को अस्पताल लाना नुकसानदायक साबित हो सकता है। लोग सीधे या आशा कार्यकर्ता की मदद से 102 नंबर डायल कर एंबुलेंस की निःशुल्क सुविधा प्राप्त कर सकते हैं । जिले में 102 नंबर की 50 और 108 नंबर की 46 एंबुलेंस उपलब्ध हैं। आकस्मिक स्थिति में एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव की सुविधा भी उपलब्ध रहती है और इसके स्टॉफ इस कार्य के लिए प्रशिक्षित होते हैं।

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Deepak Kumar

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