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कसरवल कांड: पुलिसकर्मियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी, कोर्ट ने गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया

Gorakhpur News: पुलिस को आदेश दिया गया है कि इन पांचों लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाय।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 29 Sep 2022 5:04 PM GMT
Gorakhpur Kasarwal case policemen against warrant issued court ordered arrested presented Nishad Samaj
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Gorakhpur Kasarwal case policemen against warrant issued court ordered arrested presented Nishad Samaj

Gorakhpur News: गोरखपुर में निषाद समाज के आरक्षण और अन्य मांगों को लेकर वर्ष 2015 में आंदोलन के दौरान हुए कसरवल कांड में गुरुवार को तीन पूर्व थानाध्यक्षों सहित पांच पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एसीजेएम द्वितीय सीनियर डिवीजन की ओर से गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।

पुलिस को आदेश दिया गया है कि इन पांचों लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाय।


निषाद आंदोलन में शामिल रहे व पुलिस की गोली से घायल सुजीत कुमार ने उनके एवं अन्य आंदोलनकारियों के साथ दुर्व्यवहार एवं गाड़ियां फूंकने के लिए तत्कालीन थानाध्यक्ष सहजनवां (गोरखपुर) श्यामलाल यादव व अन्य के विरुद्ध धारा 156/3 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।


इस मामले में अभियुक्तों के कोर्ट में हाजिर न होने पर न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने सहजनवां के तत्कालीन थानाध्यक्ष श्यामलाल यादव, खोराबार के तत्कालीन थानाध्यक्ष रामपाल यादव, राजघाट के तत्कालीन थानाध्यक्ष संजीव सिंह, सहजनवां थाने के सिपाही रहे पूर्णवासी, जनार्दन यादव के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया था। सुजीत कुमार ने इन सभी पर उनके तथा अन्य आंदोलन करियों के साथ दुर्व्यवहार सहित अन्य आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।


वहीं कसरवल कांड में तत्कालीन पुलिसवालों के विरुद्ध कोर्ट द्वारा जारी ग़ैरज़मानती वारंट पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा की सपा सरकार का चरित्र उजागर हुआ है. हमें कोर्ट पर भरोसा है की हमारे लोगों के साथ न्याय होगा। दोषी पुलिस वालों के ख़िलाफ़ जारी वारंट इस बात का प्रमाण है की न्याय में अब देर नहीं है।


क्या है कसरवल कांड?

गोरखपुर जिले के सहजनवां में स्थित कसरवल एक जगह है। इसी जगह से संजय निषाद को एक बड़े नेता की पहचान मिली। जून 2015 में सुबह से ही गोरखपुर-सहजनवां रेलवे लाइन पर कई लोग इकठ्ठा होने लगे। योजना थी रेल मार्ग जाम करने की।


सरकारी नौकरियों में निषादों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद ने यह योजना बनाई थी। राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के संयोजक डा.संजय निषाद की अगुवाई में सभी जिलों से निषाद समुदाय के लोग आए थे।


इसकी जानकारी पुलिस व प्रशासन को नहीं थी। जैसे ही पुलिस व प्रशासन को इसकी जानकारी हुई मौके पर पहुंच गए।पुलिस व प्रशासन ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया।लेकिन भीड़ उग्र हो गई।पुलिस पर पथराव के दौरान गोलियां चलीं।


तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई। इस दौरान कई राउंड गोली भी चली। जिससे आंदोलन में शामिल 22 साल के एक युवक की मौत हो गई थी। पथराव में गोरखपुर के तत्कालीन डीआइजी और संतकबीरनगर के एसपी सहित 30 से अधिक पुलिस कर्मचारी घायल हो गए थे।



Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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