TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

गोरखपुर ऑक्सीजन कांड: डॉ. कफील को मिली क्लीनचीट, 9 महीने बिताये थे जेल में

यूपी के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद इस मामले में डॉक्टर कफील को सस्पेंड कर दिया गया था। इस मामले में डॉ. कफील सहित 9 लोगों पर आरोप था।

Aditya Mishra
Published on: 13 Jun 2023 10:30 PM IST (Updated on: 13 Jun 2023 11:11 PM IST)
गोरखपुर ऑक्सीजन कांड: डॉ. कफील को मिली क्लीनचीट, 9 महीने बिताये थे जेल में
X

लखनऊ: गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड में आरोपी बनाए गए बाल रोग विशेषज्ञ निलंबित डॉ. कफील खान को विभागीय जांच में क्लीन चिट मिल गई है।

तत्कालीन प्रमुख सचिव स्टांप हिमांशु कुमार को पूरे मामले की विभागीय जांच करने के लिए जांच अधिकारी बनाया गया था। लंबे समय से चल रही जांच के बाद लगभग एक महीने पहले ही शासन को रिपोर्ट सौंप दी गई थी।

ये भी पढ़ें...गोरखपुर में छात्रों से बोले सीएम योगी: डिग्री पाकर सिर्फ नौकरी के पीछे न भागें

क्या था मामला?

यूपी के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद इस मामले में डॉक्टर कफील को सस्पेंड कर दिया गया था। इस मामले में डॉ. कफील सहित 9 लोगों पर आरोप था।

प्रमुख सचिव खनिज और भूतत्व विभाग की अगुवाई में हुई जांच के बाद डॉक्टर कफील पर लगाए गए आरोपों में सच्चाई नहीं पाई गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, कफील ने घटना की रात बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की थी।

इस तरह डॉ. कफील पर लगाए गए सभी आरोप गलत पाए गए। जांच की रिपोर्ट गुरुवार को बीआरडी अधिकारियों ने कफील को दी।

ये भी पढ़ें...गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे 91 किमी. लंबा होगा, खर्च होंगे 321 करोड़ रुपए

9 महीने बिताने पड़े थे जेल में

मालूम हो कि गोरखपुर ऑक्सीजन कांड में लगे आरोप के लिए कफील को 9 महीने जेल में बिताना पड़ा था। इसके बाद वे बेल पर थे। हालांकि, अभी तक वो सस्पेंड चल रहे थे। डॉ. काफील ने इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की थी।

अप्रैल में ही सौंपी गई थी जांच रिपोर्ट

इस मामले में जांच अधिकारी हिमांशु कुमार, प्रमुख सचिव (टिकट और पंजीकरण विभाग) को यूपी के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 18 अप्रैल को रिपोर्ट सौंपी थी।

इस रिपोर्ट में कहा गया था कि कफील ने लापरवाही नहीं की थी और उस रात (10-11 अगस्त 2017) स्थिति पर काबू पाने के लिए सभी तरह के प्रयास किए थे।

जांच की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. कफील अपने सीनियर अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी के बार में पहले ही अवगत कर चुके थे। इसके अलवा रिपोर्ट में यह भी मेंशन है कि तब कफील बीआरडी में इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोएल मेडिकल ऑफिसर इन-चार्ज नहीं थे।

कफील ने क्लीनचीट मिलने पर कही ये बात

डॉक्टर कफील खान ने लोगों को धन्यवाद करते हुए अपना एक वीडियो शेयर किया है। कफील खान ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि योगी सरकार ने मान लिया है कि कफील खान की कोई गलती नहीं थी।

कफील ने कहा कि पूरे मामले में उसकी कोई गलती नहीं है और यही बात जांच रिपोर्ट में कही गई है, जबकि उन्हें ही विलेन के तौर पर पेश किया गया।

कफील खान ने पिछले 2 साल में अपने साथ हुए बर्ताव को लेकर बातें कहीं हैं और देश के लोगों को साथ खड़े रहने के लिए

धन्यवाद दिया।

ये भी पढ़ें...यूपी के लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, बारांबकी तथा गोरखपुर में भी राशन पोर्टेबिलिटी सिस्टम लागू



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story