गोरखपुर उप चुनाव: CM के गढ़ में हजारों लोगों ने किया का मतदान का बहिष्कार

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By aman
Published on: 8 March 2018 11:19 AM GMT
गोरखपुर उप चुनाव: CM के गढ़ में हजारों लोगों ने किया का मतदान का बहिष्कार
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गोरखपुर उपचुनाव: CM के गढ़ में हजारों लोगों ने किया का मतदान का बहिष्कार

गोरखपुर: लोकतंत्र में आम इंसान का सबसे बड़ा हथियार उसका वोट होता है। क्योंकि अच्छी सरकार ही आने वाले समय के लिए बेहतर भविष्य दे सकती है। दूसरी तरफ, आम आदमी अपने मताधिकार से ही अच्छा प्रत्याशी चुनता है। लेकिन जब चुनाव सिर सर पर हों और हजारों मतदाता चुनाव का बहिष्कार कर रहे हों तो सत्ता पक्ष हो या विपक्ष उसकी हालात क्या होगी, ये आप अंदाजा लगा सकते हैं।

ऐसा ही कुछ हुआ गोरखपुर में। बुधवार (08 मार्च) को स्थानीय लोगों ने बड़े-बड़े बैनर टांग मतदान का बहिष्कार किया। गोरखपुर मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित करीब आधा दर्जन टोलों के लोगों ने इस बार गोरखपुर में हो रहे उप चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

नहीं करेंगे मतदान

गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के मोहनापुर, पादरी बाजार, घोषीपुरवा, निषाद टोला, चौहान टोला सहित आधा दर्जन टोलों की आबादी करीब 12 से 14 हजार के बीच है। इन लोगों की शिकायत है कि यहां की आबादी के चलने के लिए ना तो सड़क है और ना ही नालियां, पार्क है और ना ही सड़कों के किनारे लगी लाइटें। वो भी तब जब लंबे समय से बीजेपी के सांसद व मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकसभा सीट रही हो। ऐसा नहीं है की यहां के लोगों ने अपनी समस्याओं से जनप्रतिनिधि, संबंधित अधिकारी सहित अन्य जिम्मेदारों को अवगत नहीं कराया। इन सबके बावजूद सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला।

अब जब लोकसभा के उप चुनाव होने हैं तो यहां की जनता ने चुनाव में मतदान बहिष्कार का मन बनाया है। शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर होर्डिंग लगाकर मतदान बहिष्कार की बात कहे रहे हैं।

ये कहना है स्थानीय लोगों का

स्थानीय निवासी सादिक अली, मोहम्मद कुद्दुश, महबूब अली, अशोक कुमार पाल बताते हैं कि अब तक की जिंदगी में उनकी मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं हो पायी हैं। दिनोंदिन स्थिति बदतर ही होती गई। लोगों ने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में भी गए, स्थिति से अवगत भी कराया लेकिन वहां भी आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। थक-हारकर इस बार यहां के लोगों ने लोकसभा उप चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया। नाराज लोगों का कहना हैं कि जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता वो वोट डालने नहीं जाएंगे और ना ही किसी प्रत्याशी को अपने क्षेत्र में प्रचार करने देंगे।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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