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Gorakhpur: आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण का बड़ा केंद्र बनेगा गोरखपुर

Gorakhpur: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम की अगुवाई में गोरखपुर (Gorakhpur) आने वाले दिनों में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है।

Purnima Srivastava
Published on: 13 April 2022 5:39 PM IST
Gorakhpur will become a big center for the manufacture of Ayurvedic medicines
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गोरखपुर: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

Gorakhpur News: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम की अगुवाई में गोरखपुर (Gorakhpur) आने वाले दिनों में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। इसके लिए देश की सुपरिचित आयुर्वेद दवा निर्माता कंपनी वैद्यनाथ आयुर्वेद ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (Mahayogi Gorakhnath University) से करार किया है। इस संबंध में बुधवार को दोनों संस्थानों के बीच एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) हस्ताक्षरित हुआ।

एमओयू के तहत दोनों संस्थान आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान और औषधीय खेती को बढ़ावा देने की दिशा में भी मिलकर काम करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं और इस एमओयू को उनके ही मार्गदर्शन में तैयार किया गया है। विश्वविद्यालय की संस्था गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में इसी सत्र से बीएएमएस (BAMS) प्रथम बैच की मानकीकृत पढ़ाई भी प्रारंभ हुई है।

एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

बुधवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय परिसर स्थित गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में आयोजित समारोह के दौरान वैद्यनाथ आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक एवं झांसी-ललितपुर के सांसद अनुराग शर्मा तथा महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर अनुराग शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद समेत समस्त भारतीय चिकित्सा पद्धति के उन्नयन के लिए कार्य कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संरक्षण वाले विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करना वैद्यनाथ आयुर्वेद के लिए ऐतिहासिक क्षण है।

गोरखपुर: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि आयुर्वेद के छात्रों के लिए औद्योगिक दृष्टिकोण भी जरूरी है। एमओयू से उन्हें दवा निर्माण, अनुसंधान व औषधीय खेती के संबंध में व्यावहारिक ज्ञान तो मिलेगा ही, वे अपने भविष्य को और संवारने के लिए आयुर्वेद के औद्योगिक दृष्टिकोण को भी जानेंगे।

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय को मानवता की सेवा के लिए विश्व स्तरीय संस्थान बनाना चाहते हैं। वैद्यनाथ आयुर्वेद के साथ हस्ताक्षरित हुआ एमओयू उसी दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है।

इस अवसर पर उपस्थित भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक एवं उत्तर प्रदेश सरकार के सलाहकार डॉ. जीएन सिंह, महायोगी गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह, बीएचयू में रस शास्त्र के आचार्य डॉ. के. रामचन्द्र रेड्डी ने वैद्यनाथ आयुर्वेद व महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के बीच आयुर्वेद के क्षेत्र में हुए एमओयू को ऐतिहासिक बताया।

एमओयू के आदान-प्रदान के दौरान महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य डॉ. पी. सुरेश, एमपी इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य रामजन्म सिंह समेत आयुर्वेद कॉलेज के शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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