Gorakhpur News: पब्लिक ट्रांसपोर्ट की क्या है रफ्तार, सपा प्रमुख अखिलेश के आरोपों की बीच कहां पहुंची मेट्रो?

Gorakhpur News: गोरखपुर में मेट्रो को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव बराबर तंज कर रहे हैं। हकीकत यह है कि मेट्रो की डीपीआर तो बन गई है, लेकिन इसे लेकर कवायद ठंडे बस्ते में ही है।

Purnima Srivastava
Published on: 31 Dec 2023 8:33 AM GMT
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गोरखपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की क्या है रफ्तार (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: आज से ठीक एक साल पहले 30 दिसम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखाकर इलेक्ट्रिक बसों को रवाना किया तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर गोरखपुर में नये युग का आरंभ हुआ। लोगों की कम किराया देकर एसी बस में मंजिल पर पहुंचने का आनंद मिल रहा है। वर्तमान में 25 इलेक्ट्रिक बसें तीन रूट पर चल रही हैं। जल्द ही 27 और बसें शहर की सड़कों पर दौड़ने लगेंगी। उपनगरों से इन बसों का कनेक्शन शहरी दायरे को बढ़ाने में सहायक साबित हो रहा है। गोरखपुर में मेट्रो को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव बराबर तंज कर रहे हैं। हकीकत यह है कि मेट्रो की डीपीआर तो बन गई है, लेकिन इसे लेकर कवायद ठंडे बस्ते में ही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते 30 दिसम्बर को न सिर्फ 15 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई थी, बल्कि इसमें सफर भी किया था। गोरखपुर की पहली हैवी व्हीकल ड्राइवर पूजा प्रजापति के साथ सीएम ने शास्त्री चौक से लेकर मोहद्दीपुर तक का सफर किया किया था। इलेक्ट्रिक बस फिलहाल दो रूट पर संचालित हो रही है। पहला रूट श्याम नगर, बरगदवां, शास्त्रीनगर, नथमलपुर, गोरखनाथ मंदिर, हजारीपुर, धर्मशाला, गोरखपुर रेलवे स्टेशन, यूनिवर्सिटी, मोहद्दीपुर, रामगढ़ताल, एम्स, मालवीयनगर, एमएमएमयूटी तक है।

तो वहीं दूसरा बीआरडी मेडिकल कॉलेज, मुगलहा, खजांची बाजार, बशारतपुर, अशोक नगर, वैष्णो नगर, असुरन चौक, धर्मशाला, गोलघर, कचहरी चौराहा, बेतियाहाता, ट्रांसपोर्टनगर, नौसड़ तक है। अब इलेक्ट्रिक बसें भटहट और सहजनवा भी जा रही हैं। जल्द ही पिपराइच और चौरीचौरा के लिए भी सेवा शुरू होने जा रही है। सैलानियों की सुविधा को लेकर दो लंबी इलेक्ट्रिक बसें भी गोरखपुर पहुंच चुकी हैं। इन बसों का संचालन एयरपोर्ट, चिड़ियाघर और तारामंडल एरिया में होगा। पर्यटकों के लिए चलने वाली ये विशेष इलेक्ट्रिक बसें 12 मीटर लंबी हैं। आम इलेक्ट्रिक बसों से ज्यादा सुविधाओं से लैस हैं। इसके साथ ही 15 बसें और गोरखपुर पहुंच चुकी हैं।

जल्द दौड़ेगी 25 और इलेक्ट्रिक बसें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहल पर 25 अन्य इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी मंजूरी मिल गई है। जल्द ही शहर में कुल 52 इलेक्ट्रिक बसों दौड़ने लगेंगी। ऐश्वर्या श्रीवास्तव तकनीकी कॉलेज में शिक्षिका हैं। उनका कहना है कि ‘महेवा से सहजनवा तक इलेक्ट्रिक बस की सुविधा से कई लाभ हुए है। छात्र कम किराये और अपेक्षाकृत कम समय में दूरी तय कर रहे हैं। पहले की तुलना में आधा किराया ही देना पड़ रहा है।’

वहीं कामकाजी महिला रीना राय का कहना है कि ‘महिलाओं के लिए इलेक्ट्रिक बसें काफी सुविधायुक्त हैं। इसके साथ ही इन बसों का लोकेशन भी पता चल जा रहा है। यात्री अपने फोन से ही बसों का लोकेशन जान ले रहे हैं। इलेक्ट्रिक बसों को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के कंट्रोल रूम से जोड़ने का लाभ यात्रियों को मिल रहा है।’ सामाजिक कार्यकर्ता मंजीत श्रीवास्तव कहते हैं कि ‘इलेक्ट्रिक बसें इको फ्रैंडली है। जितना अधिक इनका संचालन होगा, सड़कों पर प्रदूषण कम होगा।’

ई-रिक्शा से जाम की समस्या

गोरखपुर शहर में वर्तमान में 10 हजार से अधिक ऑटो और ई-रिक्शा का संचालन हो रहा है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा कई प्रयासों के बाद भी अनियंत्रित संचालन लोगों को सहूलियत देने के बजाए परेशान कर रही है। ई-रिक्शा का संचालन नाबालिग बच्चे कर रहे हैं। जिससे हर दिन दुघर्टना की खबरें आ रही हैं।

गोरखपुर में मेट्रो का इंतजार

उत्तर प्रदेश सरकार के बजट में वाराणसी के साथ ही गोरखपुर में भी मेट्रो संचालन के लिए एक अरब रुपये मिले हैं। इससे मेट्रो परियोजना को गति मिलने की उम्मीद है। 4672 करोड़ की लागत से शहर के दो रूटों पर तीन बोगी वाली मेट्रो दौड़ाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को यूपी कैबिनेट की पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड भी अपनी स्वीकृति दे चुका है। बजट मिलने से निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री बनने के साथ ही गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में मेट्रो रेल के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए सर्वे के बाद डीपीआर तैयार किया गया, जिसे बीते साल ही मंजूरी दे दी गई थी।

मेट्रो के लिए दो कॉरिडोर, बनेंगे 14 स्टेशन

रेल ट्रांजिट परियोजना में दो कॉरिडोर प्रस्तावित किए गए । पहला कॉरिडोर श्यामनगर से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक होगा। इसकी लंबाई 15.14 किलोमीटर है। इस कॉरिडोर में 14 स्टेशन होंगे। दूसरा कॉरिडोर बीआरडी मेडिकल कॉलेज से नौसड़ चौराहे तक जाएगा। इसकी लंबाई 12.70 किलोमीटर है। इस कॉरिडोर में 13 स्टेशन होंगे। डीपीआर के मुताबिक हर एक किलोमीटर पर एक स्टेशन बनाया जाएगा।

महानगर में जिन रूटों से मेट्रो गुजरेगी, उस पर फोरलेन निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो गया है। टेक्निकल यूनिवर्सिटी से गुरुंग तिराहा होते हुए मोहद्दीपुर तक फोरलेन बन चुका है। इसी तरह मोहद्दीपुर से गोरखनाथ मंदिर होते हुए जंगल कौड़िया तक फोरलेन का काम आखिरी चरण में है। चूंकि, फोरलेन के डिवाइडर पर ही मेट्रो के लिए पिलर बनने हैं, ऐसे में अब कोई बाधा नहीं रहेगी। इसी के साथ गुलरिहा से मेडिकल कॉलेज, असुरन होते हुए धर्मशाला तक भी पिलर बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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