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Gorakhpur News: सिर्फ नाम का है गोरखपुर एम्स, 11 माड्यूलर ओटी बंद, 300 बेड हैं खाली

Gorakhpur News: एम्स में गवर्निंग बॉडी के प्रेसिडेंट देश दीपक वर्मा ने बताया कि नए कार्यकारी निदेशक पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर के करने के लिए औपचारिकता पूरी करने का निर्देश दिया गया है। ताकि एम्स पूरी क्षमता से संचालित हो सके।

Purnima Srivastava
Published on: 4 March 2024 1:53 AM GMT
Gorakhpur News
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गोरखपुर एम्स का मुख्य गेट (Newstrack)

Gorakhpur News: चुनाव की घोषणा अभी भले ही नहीं हुई हो, लेकिन मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश सरकार के सभी मंत्री भाषणों में गोरखपुर में एम्स खुलने को बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं। पिछले दिनों सीएम योगी ने यहां ब्लड बैंक और डायलिसिस यूनिट की शुरूआत के समय भी बड़े-बड़े दावे किये थे। एम्स की बिल्डिंग भले ही बेहतर इलाज का भरोसा दे रही हो लेकिन पैरामेडिकल स्टॉफ की भारी कमी से न सिर्फ 300 बेड खाली रहते हैं, बल्कि करोड़ों की लागत से बने 11 माड्यूलर सफेद हाथी बने हुए हैं।

एम्स के संचालन में तकनीकी स्टॉफ, तकनीशियन, पैरामेडिकल स्टॉफ व सफाईकर्मियों की बड़ी भूमिका है। लेकिन इनकी भर्ती नहीं होने के कारण एम्स में 11 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (ओटी) बंद हैं। इतना ही नहीं 300 बेड पर भी मरीजों की भर्ती नहीं शुरू हो सकी है। केवल 450 बेड पर ही मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। बता दें कि वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के ऐन पहले गोरखपुर एम्स का उद्घाटन हुआ था। अब यहां सर्जरी, महिला रोग, बाल रोग, हड्डी रोग, दंत रोग, मानसिक रोग, आयुष आदि विभागों का संचालन हो रहा है। 30 बेड की इमरजेंसी सुविधा भी है। लेकिन इनडोर में अभी कम मरीज ही भर्ती किए जा रहे हैं। एम्स में गवर्निंग बॉडी के प्रेसिडेंट देश दीपक वर्मा ने बताया कि नए कार्यकारी निदेशक पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर के करने के लिए औपचारिकता पूरी करने का निर्देश दिया गया है। ताकि एम्स पूरी क्षमता से संचालित हो सके।

16 लाख मरीज ओपीडी में दिखा चुके हैं

सीएम को पिछले दिनों एम्स प्रेसिडेंट देश दीपक वर्मा ने जो रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक, यहां ओपीडी में हर दिन करीब ढाई हजार मरीज देखे जा रहे हैं। अब तक 16 लाख से अधिक मरीज ओपीडी में आ चुके हैं। वहीं, सीएम से बड़ी संख्या में पैरामेडिकल स्टॉफ की भर्ती की बात कही गई है। कार्यकारी निदेशक डॉ. जीके पाल ने बताया कि वार्ड में मरीज भर्ती मरीज के बेहतर इलाज के लिए डॉक्टर के अलावा भर्ती मरीज को समय-समय इंजेक्शन, ड्रेसिंग, दवा खिलाने से लेकर बेड और वार्ड की सफाई जरूरी है। जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के साथ नर्सिंग स्टॉफ की कमी से मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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