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Gorakhpur News: स्क्रिनिंग में मिले 15 कुष्ठ रोगी, 8000 से अधिक संदिग्ध, राज्य कुष्ठ अधिकारी ने किया निरीक्षण

Gorakhpur News: जिले में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान (एलसीडीसी) का राज्य कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. जया देहलवी ने बुधवार को निरीक्षण कर सघन समीक्षा की।

Purnima Srivastava
Published on: 4 Jan 2024 6:11 PM IST
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गोरखपुर में राज्य कुष्ठ अधिकारी ने किया निरीक्षण (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: जिले में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान (एलसीडीसी) का राज्य कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. जया देहलवी ने बुधवार को निरीक्षण कर सघन समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि जो भी नये कुष्ठ रोगी मिल रहे हैं उनके आसपास हेल्थी कांटैक्ट सर्वे समय से अवश्य हो जाए और सभी को बचाव की दवा भी खिला दी जाए। साथ ही अगर कहीं से बाल कुष्ठ रोगी और ग्रेड टू के रोगी मिल रहे हैं तो वहां सघन अभियान चला कर बचाव के इंतजाम किये जाएं। जिले में 21 दिसम्बर से तीन जनवरी तक अभियान के दौरान करीब 37.68 लाख लोगों की स्क्रिनिंग की गयी, जिनमें से 15 नये कुष्ठ रोगी मिले। स्क्रिनिंग के दौरान मिले 8000 संभावित कुष्ठ रोगियों की भी जांच जारी है। यह अभियान चार जनवरी तक के लिए प्रस्तावित था।

राज्य कुष्ठ अधिकारी ने सहजनवां ब्लॉक के भीटी रावत में क्षेत्र का भ्रमण कर करीब दो दर्जन घरों में अभियान का जायजा लिया। उन्होंने टीम से बात करने के बाद सहजनवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ व्यास कुशवाहा के साथ बैठक की। वापस लौट कर डॉ. देहलवी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे के साथ बैठक करने के बाद शहरी क्षेत्र के बेतियाहाता में अभियान का निरीक्षण किया और फिर जिला कुष्ठ रोग कार्यालय पर समीक्षा बैठक की। इस मौके पर जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव और जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ भोला गुप्ता ने उन्हें अभियान की विस्तृत जानकारी दी। राज्य कुष्ठ अधिकारी ने अभियान के बाद भी कुष्ठ रोग के लक्षणों, इलाज और बचाव के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार पर जोर दिया।

कुष्ठ रोगियों के घर के आसपास भी जांच

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ यादव ने बताया कि जो भी नये कुष्ठ रोगी मिलते हैं उनके घर के दायें, बायें और सामने के तीन तीन घरों और उनके परिवार के सभी सदस्यों की सघन स्क्रिनिंग की जाती है और उन्हें बचाव की दवा भी खिलाई जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रेड टू या बाल रोगी मिलने पर पूरे गांव का सर्वे कर बचाव की दवा खिलाई जाती है और शहरी क्षेत्रों में ऐसी स्थिति में आसपास के दस घरों में बचाव की कार्रवाई की जाती है। राज्य कुष्ठ अधिकारी से कई महत्वपूर्ण फीडबैक प्राप्त हुए हैं जिन पर अमल कर जिले को कुष्ठ से मुक्त बनाया जाएगा। इस मौके पर फिजियोथेरेपिस्ट डॉ आसिफ, एनएमए, एनएमएस और पीएमडब्ल्यू समेत फील्ड के स्वास्थ्यकर्मी भी मौजूद रहे ।

दवा ले रहे कुष्ठ रोगी से नहीं फैलती बीमारी

जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ भोला गुप्ता ने बताया कि अभियान के दौरान लोगों को यह संदेश भी दिया गया कि कुष्ठ की जांच व इलाज की सुविधा सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर उपलब्ध है। समय से कुष्ठ की पहचान होने पर उसका सम्पूर्ण इलाज संभव है। एक बार जब कुष्ठ रोगी दवा का सेवन शुरू कर देता है तो उससे दूसरों को यह बीमारी नहीं फैल सकती। समय से कुष्ठ का इलाज न करवाने पर यह विकृति या स्थायी दिव्यांगता का रूप ले सकता है।

यह लक्षण हों तो कराएं जांच

-चमड़ी पर सुन्न दाग या चकत्ते हों

-शरीर के किसी भी हिस्से का ऐसा दाग या चकत्ता जहां पसीना न आए

-हाथ या पैर की नसों में मोटापन, सूजन या झनझनाहट

-हाथ या पैर के तलवे में सुन्नपन

-चेहरा, शरीर या कान पर गांठ

-हाथ व पैर की उंगली में टेढ़ापन।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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