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Gorakhpur News: साल की आधी शादियां फरवरी और मई में निपट जाएंगी, इन दो महीने में 29 दिन सात फेरे का मुहूर्त
Gorakhpur News: 16 जनवरी से विवाह सहित अन्य सभी तरह के मंगल कार्य शुरू होंगे। पंचांग के अनुसार जनवरी में 10 दिन फरवरी में 14 दिन, मार्च में 5 दिन, अप्रैल में 9 दिन, मई में 15 दिन, जून में 5 दिन के विवाह मुहूर्त हैं।
Gorakhpur News: गुजर रहे साल में गर्मियों में शादियों का मुहूर्त कम था। लेकिन इस बार ठंड के साथ ही गर्मियों में भी अच्छा मुहूर्त है। हालांकि इस बार भी आधे से अधिक शुभ मुहूर्त तीन महीने में ही खत्म हो जा रहे हैं। फरवरी में 14 तो मई में 15 शुभ मुहूर्त शादियों के लिए है। नये साल 2025 में 74 दिन शहनाई बजेगी। ठंड की शादियों को लेकर अभी से बुकिंग हो रही है।
आने साल यानी 2025 में 14 जनवरी को खरमास का खत्म होगा। 16 जनवरी से विवाह सहित अन्य सभी तरह के मंगल कार्य शुरू होंगे। पंचांग के अनुसार जनवरी में 10 दिन फरवरी में 14 दिन, मार्च में 5 दिन, अप्रैल में 9 दिन, मई में 15 दिन, जून में 5 दिन के विवाह मुहूर्त हैं। इसके बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्तूबर में विवाह के मुहूर्त नहीं हैं। चार माह के लिए भगवान विष्णु शयन में चले जाते हैं। नवंबर में 13 दिन और दिसंबर 2025 में मात्र तीन दिन विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
15 जनवरी 2025 को सूर्य का गोचर मकर राशि में होगा
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, भगवान सूर्य वृश्चिक राशि से 15 दिसंबर को रात्रि 10 बजकर 11 बजे धनु राशि में प्रवेश कर चुके हैं। वह 14 जनवरी 2025 तक सुबह 8 बजकर 55 बजे तक धनु राशि में रहेंगे। इसके बाद 15 जनवरी 2025 को सूर्य का गोचर मकर राशि में होगा। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान बुध ग्रह के स्थान पर अधिक जोर दिया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध देव बुद्धि, त्वचा, व्यापार व धन के ग्रह है। मंगल ग्रह भी 18 दिसंबर तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे। शुभ कार्य पर रहेगा विराम, भगवान सूर्य वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। विवाह, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश के साथ व्रत आरंभ आदि वर्जित रहते हैं। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि जब सूर्य गोचरवश धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश धनु संक्रांति व मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग एक माह तक रहते हैं। खरमास में सभी प्रकार के शुभ कार्य-जैसे विवाह, मुंडन, सगाई व गृह प्रवेश के साथ व्रत आरंभ आदि वर्जित रहते हैं।