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Gorakhpur News: एनक्वास के लिए तैयार हुईं गोरखपुर मंडल की 466 चिकित्सा इकाइयां, इसे मिला प्रदेश का पहला पुरस्कार

Gorakhpur News: पीएचसी श्रेणी में प्रदेश में सबसे पहले गोरखपुर की डेरवा पीएचसी, यूपीएचसी श्रेणी में गोरखपुर की बसंतपुर यूपीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिर श्रेणी में महराजगंज जिले के पिपरा रसूलपुर केंद्र को यह पुरस्कार मिला है।

Purnima Srivastava
Published on: 30 Dec 2024 8:23 PM IST
Mandal wins first Jita Award in PHC, UPHC and Ayushman Arogya Mandir category
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पीएचसी, यूपीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिर श्रेणी में मंडल ने प्रदेश में सबसे पहले जीता पुरस्कार- (Photo- Newstrack)

Gorakhpur News: गोरखपुर मंडल की 466 चिकित्सा इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) के लिए तैयार किया गया है। इन इकाइयों का राज्य स्तरीय मूल्यांकन हो चुका है और नेशनल टीम के मूल्यांकन के बाद इन्हें सर्टिफिकेशन मिल सकेगा । एडी हेल्थ डॉ नरेंद्र प्रसाद गुप्ता के दिशा निर्देशन में मंडलीय क्वालिटी एश्योरेंस टीम सभी जिलों की क्वालिटी टीम से कोआर्डिनेट कर निरंतर इन इकाइयों के गैप्स को दूर करवाने में जुटी है। मंडल में अभी तक 27 चिकित्सा इकाइयों को एनक्वास मिल चुका है। पीएचसी, यूपीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिर श्रेणी में गोरखपुर मंडल की स्वास्थ्य इकाइयां पूरे प्रदेश में सबसे पहले यह पुरस्कार जीत चुकी हैं।

मंडलीय क्वालिटी एश्योरेंस प्रोग्राम के प्रभारी डॉ. जसवंत मल्ल ने बताया कि पीएचसी श्रेणी में प्रदेश में सबसे पहले गोरखपुर की डेरवा पीएचसी, यूपीएचसी श्रेणी में गोरखपुर की बसंतपुर यूपीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिर श्रेणी में महराजगंज जिले के पिपरा रसूलपुर केंद्र को यह पुरस्कार मिला है। इसके तहत जिला स्तरीय अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को प्रति बेड 10000 रुपये का पुरस्कार तीन वर्षों तक मिलता है। पीएचसी को तीन लाख और अर्बन पीएचसी को दो लाख रुपये तीन वर्षों तक पुरस्कार के तौर पर मिलते हैं। सात पैकेज में सर्टिफिकेशन होने पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर को 1.26 लाख और बारह पैकेज में 2.16 लाख रुपये का पुरस्कार तीन वर्षों तक दिया जाता है।

डॉ मल्ल ने बताया कि एनक्वास सर्टिफाइड होने के बाद मिलने वाली पुरस्कार की रकम से स्वास्थ्य इकाइयों में गुणात्मक सुधार संबंधित कार्य कराए जाते हैं। इससे मरीजों को और गुणवत्तापूर्ण सेवा मिलती है। गैप्स दूर करने में भी पुरस्कार की रकम मददगार होती है। पुरस्कार से कर्मचारियों को भी प्रोत्साहन राशि और गिफ्ट दिये जाते हैं और कुछ स्थानों पर उनका एक्सपोजर विजिट भी कराया जाता है। गोरखपुर जिले में 11 इकाइयां, देवरिया जिले में पांच इकाइयां, कुशीनगर जिले में चार इकाइयां और महराजगंज जिले में सात इकाइयां यह सर्टिफिकेशन हासिल कर चुकी हैं।

इन इकाइयों को मिल चुका है पुरस्कार

गोरखपुर में जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, भटहट सीएचसी, डेरवा पीएचसी, बसंतपुर अर्बन पीएचसी, गोरखनाथ अर्बन पीएचसी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर जैनपुर, राजधानी, राघोपट्टी,कालेसर और लहसड़ी का सर्टिफिकेशन हो चुका है। इनमें जिला महिला अस्पताल को लक्ष्य और मुस्कान, जबकि भटहट सीएचसी को लक्ष्य का सर्टिफिकेशन भी प्राप्त हुआ है। देवरिया जिले में सीएचसी लार को लक्ष्य और एनक्वास, पीएचसी भागलपुर को एनक्वास और आयुष्मान आरोग्य मंदिर बंझरिया, लवकनी और बरियारपुर को एनक्वास का सर्टिफिकेट मिला है। कुशीनगर जिले में अर्बन पीएचसी गायत्रीनगर और आयुष्मान आरोग्य मंदिर डांडोपुर, बलकुड़िया और चकदेइया को यह सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। महराजगंज जिले में जिला संयुक्त अस्पताल को एनक्वास, लक्ष्य और मुस्कान का सर्टिफिकेशन मिल चुका है। सीएचसी फरेंदा को एनक्वास और लक्ष्य का सर्टिफिकेशन मिला है। सीएचसी परतावल को सिर्फ लक्ष्य का सर्टिफिकेशन मिला है । वहीं आयुष्मान आरोग्य मंदिर पिपरा रसूलपुर, गिरगिटिया, चिउटहा, सिंदुरिया और बौलियाराजा को भी एनक्वास सर्टिफिकेट प्राप्त हो चुका है।

तैयार हुईं इकाइयां

जिला इकाइयों की संख्या

देवरिया 75

गोरखपुर 217

कुशीनगर 94

महराजगंज 80



Shashi kant gautam

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