×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Gorakhpur News: गजब गुरुजी! रिसर्च स्कालर से मांग लिए 5 लाख रुपये, अब बोल रहे-जांच करा लो

Gorakhpur News: गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के एक विभागाध्यक्ष पर शोधार्थी से 5 लाख रुपये मांगने और शोध निर्देशक से को-सुपरवाइजर बनाए जाने की मांग का सनसनीखेज आरोप लगाया है।

Purnima Srivastava
Published on: 2 Dec 2024 8:17 AM IST
Gorakhpur News
X

गजब गुरुजी! रिसर्च स्कालर से मांग लिए 5 लाख रुपये, अब बोल रहे-जांच करा लो (social

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कभी शोध छात्रा से अश्लील बातों का ऑडियो वायरल होता है , तो कभी गाइड द्वारा रिसर्च स्कालर से पांच लाख रुपये की डिमांड का आरोप लग जाता है। अब यूनिवर्सिटी के एक विभाग के चर्चित शिक्षक पर शोध छात्र ने पांच लाख रुपये की मांग का आरोप लगा दिया तो सभी गुरुजी की पहचान में जुट गए। उधर, गुरुजी अपने करीबियों से कह रहे हैं कि छवि खराब करने की कोशिश हो रही है। कुलपति से पूरी बात बताएंगे।

सनसनीखेज आरोपों को सम्बंधित विभाग में हाल के दिनों में हुए विवादों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। उस विभाग में अलग-अलग कारणों से शिक्षक दो गुटों में बंटे नजर आ रहे हैं। फिलहाल पूरा प्रकरण कुछ इस तरह है। गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के एक विभागाध्यक्ष पर शोधार्थी से 5 लाख रुपये मांगने और शोध निर्देशक से को-सुपरवाइजर बनाए जाने की मांग का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर कुलपति से लिखित शिकायत की गई है। हालांकि आरोप लगाने वाले ने इसे लेकर कोई शपथ पत्र नहीं दिया है। सम्बंधित विभाग के दो वरिष्ठ प्रोफेसरों के खिलाफ भी विभागाध्यक्ष को समर्थन देने का आरोप लगाया है। डीडीयू के विभागाध्यक्ष पर आरोप लगाने वाले शिक्षक एमडी पीजी कॉलेज, मठलार, देवरिया में तैनात हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि सम्बंधित विभागाध्यक्ष द्वारा पीएचडी थीसिस में जमा कराने के बदले में खुद को को-सुपरवाइजर बनाने की मांग की गई है। शोधार्थी से 5 लाख की मांग कर रहे हैं। आरोप है कि जुलाई 2024 में हुए प्री सबमिशन वायवा के बाद विभागाध्यक्ष ने शोधार्थी की सभी पत्रावली अपने पास जमा कर ली है। पत्र पर शिक्षक के साथ ही शोधार्थी ने भी हस्ताक्षर किया है।

स्वतंत्र कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच की मांग

आरोपों पर सम्बंधित विभागाध्यक्ष ने कहा कि यह उनकी छवि धूमिल किए जाने की कोशिश है। आरोप के साथ शपथ पत्र क्यों नहीं दिया गया। कुछ तथ्य उनके पास हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुमति मिली तो वे जल्द ही इसका खुलासा करेंगे। शोधार्थी जिस क्षेत्र में शोध कर रहा है, उसके गाइड उस फील्ड के विशेषज्ञ ही नहीं हैं। यदि उनकी थीसिस कंप्लीट है तो वे जमा कर दें। विभागाध्यक्ष ने स्वतंत्र कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच की मांग की।



\
Ragini Sinha

Ragini Sinha

Next Story