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Gorakhpur News: ऑपरेशन के इंतजार में 600 से अधिक तड़प रहे, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वार्डों में टहल रहे कुत्ते
Gorakhpur News: आईएमए द्वारा 24 घंटे के लिए हड़ताल का ऐलान के चलते सिर्फ इमरजेंसी संचालित रही। जिले में करीब 754 निजी हॉस्पिटल, रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी सेंटर बंद रहे है।
Gorakhpur News: कोलकाता में महिला डॉक्टर ट्रेनी की रेप के बाद हत्या मामले में निजी से लेकर जिला अस्पताल के डॉक्टरों के हड़ताल का असर आम मरीजों पर पड़ रहा है। आपरेशन के इंतजार में 600 से अधिक मरीज तड़प रहे हैं। वहीं पिछले तीन दिनों में एक लाख से अधिक मरीज चिकित्सकों से परामर्श के लिए तड़प रहे हैं। बुखार और डायरिया के इस मौसम में कई मरीजों की स्थिति बिगड़ गई है। सबसे बुरी स्थिति प्रसुता महिलाओं की है। वहीं, हड़ताल के चलते बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वार्डों में कुत्ते टहलते हुए दिख रहे हैं।
कोलकाता में महिला चिकित्सक की रेप के बाद हत्या की शर्मनाक घटना को लेकर एम्स, बीआरडी मेडिकल कालेज के साथ ही आईएमए के चिकित्सक हड़ताल पर रहे। सरकारी और निजी चिकित्सकों के हड़ताल से आम जनजीवन पर सीधा असर दिखा। जिले में करीब 30 हजार मरीजों को ओपीडी में इलाज नहीं मिला। करीब 600 मरीजों की सर्जरी नहीं हुई। डॉक्टरों ने मरीजों को किसी और दिन आने की सलाह दी। पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांचें भी ठप रहीं। निजी अस्पतालों में इलाज ठप होने से सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सकों की हड़ताल का व्यापक असर दिख रहा है। एम्स व बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी ओपीडी पूरी तरह से ठप रही। एम्स में ऑनलाइन एप्वाइंटमेंट और ऑफलाइन दोनों तरह के मरीजों को वापस लौटाया गया है। बीआरडी मेडिकल कालेज में ओपीडी का पर्चा काउंटर ही नहीं खुला। दोनों संस्थानों में शिक्षकों ने इस हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया। दोनों संस्थानों में सिर्फ ओपीडी में करीब सात हजार मरीज इलाज कराते हैं। करीब 80 मरीजों की इलेक्टिव सर्जरी को टाल दिया गया।
754 निजी अस्पतालों में नहीं हुआ इलाज
आईएमए द्वारा 24 घंटे के लिए हड़ताल का ऐलान के चलते सिर्फ इमरजेंसी संचालित रही। जिले में करीब 754 निजी हॉस्पिटल, रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी सेंटर बंद रहे है। आईएमए के 1000 सदस्य इस आंदोलन में शामिल हुए। आईएमए के इस आंदोलन के कारण जिले के निजी अस्पतालों में ओपीडी में पहुंचे करीब 30 हजार मरीजों को बैरंग लौटना पड़ा है। सबसे ज्यादा दिक्कत दूर दराज से आने वाले मरीजों को हुई है। गोरखपुर में बिहार नेपाल के अलावा बस्ती, आजमगढ़, देवीपाटन मंडल से भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा 600 से अधिक मरीजों की सर्जरी को निजी चिकित्सकों ने टाल दिया।