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Gorakhpur News: दो साल में पूरी तरह से हट जाएंगी रेलवे ट्रैक से 708 पारंपरिक बोगियां, ये है रेलवे का प्लान

Gorakhpur News: इन बोगियों को हटाने के साथ ही बोर्ड ने सभी कोच निर्माण फैक्ट्रियों को दो साल के अंदर करीब 15000 एलएचबी रेक बनाने का टार्गेट दिया है...

Purnima Srivastava
Published on: 6 March 2025 4:26 PM IST
Gorakhpur News Today 708 Traditional Bogies Will Be Completely Removed From Railway Tracks in Two Years
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Gorakhpur News Today 708 Traditional Bogies Will Be Completely Removed From Railway Tracks in Two Years

Gorakhpur News: गोरखपुर। रेलवे आने वाले दो साल में देश भर में ट्रैक पर दौड़ रहीं 708 पारंपरिक बोगियां हट जाएंगी। इसके लिए रेलवे ने एक्शन प्लान तैयार किया है। इनकी जगह अत्याधुनिक एलएचबी (लिंक हॉफ मैन बुश) तकनीक वाली बोगियां लगा दी जाएंगी। इन बोगियों को हटाने के साथ ही बोर्ड ने सभी कोच निर्माण फैक्ट्रियों को दो साल के अंदर करीब 15000 एलएचबी रेक बनाने का टार्गेट दिया है।

पांरपरिक बोगियां (कंन्वेंशनल कोच) अगले दो साल में पूरे भारतीय रेल के लिए इतिहास बन जाएंगी। 2027 तक एनईआर के 93 समेत 708 पारंपरिक बोगियों वाली रेक सेवा से हटा दी जाएंगी। 2027-28 में पारंपरिक बोगियों को हटाने के लिए रेलवे बोर्ड के प्रिंसिपल एक्सक्यूटिव डायरेक्टर कोचिंग नवीन कुमार ने 4 मार्च को सभी रेलवे के प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधकों को पत्र लिखा है। सभी को इस सम्बन्ध में तैयारी करने को कहा गया है। बोर्ड द्वारा जारी पत्र के अनुसार, पूरे भारतीय रेल में वर्तमान में 708 रेक पारंपरिक बोगियों से चल रही हैं। इन्हें तीन फेज में हटाया जाएगा।

2025-26, 2026-27 में 250-250 रेक जबकि 2027-28 में 173 रेक हटा दिए जाएंगे। इन बोगियों को हटाने के साथ ही बोर्ड ने सभी कोच निर्माण फैक्ट्रियों को दो साल के अंदर करीब 15000 एलएचबी रेक बनाने का टार्गेट दिया है। बता दें कि रेल दुर्घटनाओं को रोकने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए रेलवे सभी संभावित कदम उठा रहा है। इसके तहत ट्रैक, रोलिंग स्टॉक, इंटरलॉकिंग सिस्टम और सिग्नलिंग की बेहतरी और रखरखाव के लिए उपयुक्त टेक्नोलॉजी को अपनाया जा रहा है। साथ ही इनके लिए अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।

54 रेक पैसेंजर की चल रही

पूर्वोत्तर रेलवे में इस समय 19 रेक एक्सप्रेस की जबकि 54 रेक पैसेंजर की चल रही हैं। बाकी सभी एलएचबी हो चुकी हैं। दो सालों में बाकी बचे रेक भी दो सालों के अंदर एलएचबी कर दिए जाएंगे। 2024-25 में बनाई गईं 91 रेक अधिक से अधिक ट्रेनों में एलएचबी लगाने के लिए कोच उत्पादन कंपनियों ने 2024-25 में कुल 91 रेक यानी करीब 1800 कोच एलएचबी के बनाए गए हैं।

दुर्घटना की आशंका बेहद कम

यात्रियों की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए भारतीय रेलवे ट्रेनों में लिंक होफमान बुश (एलएचबी) डिजाइन कोच लगा रही है। यह लाल रंग के होते हैं। आईसीएफ की तुलना में एलएचबी कोच की सबसे बड़ी खूबी उसका हल्का होना है। बॉडी के हल्के होने से दुर्घटना की आशंका कम होती है और अगर हो भी जाए तो उसमें जनहानि काफी कम होती है।

Admin 2

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